आतंकी संगठनों ने फंड को जुटाने के लिए अब हाइटेक तरीके अपनाये, जानिए कौन से है तरीके

आतंकी संगठन अपने को हर तरह से हाइटेक करने की दिशा में काम कर रहे हैं, अभी तक उनके पास सिर्फ आधुनिक हथियार ही मिलने की बातें सामने आ रही थीं मगर अब वो अपने को मजबूत करने के लिए बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी से फंड जुटाने के काम में भी लग गए हैं। चूंकि बिटकॉइन से पैसे जुटाने में बहुत अधिक तकनीकी या नाम-पते की जरुरत नहीं है

इस वजह से वो इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। फंड जुटाने में हो रही समस्याओं को देखते हुए अब आतंकी संगठन डिजिटल करंसी की ओर रुख कर रहे हैं। जिन आतंकी संगठनों को अब तक इस तरह की करंसी के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं थी वो फंडिंग के लिए बिटकॉइन की कार्य प्रणाली को तेजी से सीख रहे हैं।

पश्चिमी सरकारों और कुछ अन्य लोगों ने आतंकवादी फिलिस्तीनी समूह हमास को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है, इस संगठन को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से वित्तीय प्रणाली से बाहर करके खाते बंद कर दिए गए थे लेकिन इस साल, इसके सैन्य विंग ने बिटकॉइन का उपयोग करके धन जुटाने के लिए तेजी से एक अभियान की शुरुआत की है। 

 

कसम ब्रिगेड ने स्थापित किया विंग

विंग द्वारा स्थापित वेबसाइट के लेटेस्ट संस्करण में हर आने वाले को बिटकॉइन का पता दिया जाता है, उस पते पर वो डिजिटल मुद्रा को भेज सकता है। इस विंग को कसम ब्रिगेड के रुप जाना जा रहा है। अब आतंकी संगठन जिस विधि से फंड जुटाने के लिए काम कर रहे हैं उससे इंफोर्समेंट कानून के तहत उनको ट्रैक कर पाना लगभग असंभव है।

आतंकियों ने इस साइट के माध्यम से पैसा जुटाने के लिए इसमें सात भाषाओं का विकल्प रखा है जिससे इन भाषाओं के जानकार आसानी से फंड दे सकें। इसमें ब्रिगेड के लोगों को सुविधा है, इसमें हरे रंग का झंडा और एक मशीन गन है। इसमें एक अच्छी वीडियो भी दी गई है, इस वीडियो में ये बताया गया है कि यदि किसी को बिटकॉइन के जरिए पैसा भेजना है तो वो किस तरह से बिना इफोर्समेंट डिपार्टमेंट की नजर में आए पैसा भेज सकते हैं।

फंड के लिए कर रहे बिटकॉइन का इस्तेमाल 
आतंकवादी अब फंडिंग के लिए अन्य तरीकों का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं वो अपने को सीधा बिटकॉइन की ओर मोड़ रहे है और हर तरह की चीजों में इसी का इस्तेमाल कर रहे हैं। चाहे वो दवा खरीदने का काम हो या फिर मनी लांड्रिंग करने का काम हो। हाल के महीनों में, सरकारी अधिकारियों और संगठनों ने आतंकवादी के वित्तपोषण पर नज़र रखने वाले बिटकॉइन और अन्य डिजिटल सिक्कों के साथ प्रयोग करने वाले इस्लामी आतंकवादी संगठनों की संख्या में वृद्धि के बारे में अलार्म उठाना शुरू कर दिया है।

दरअसल अभी तक ये माना जाता था कि यदि कोई व्यक्तिगत रुप से इन संगठनों की मदद करता है तो वो कुछ हजार या लाख रुपये की ही मदद कर पाता है मगर यदि बिटकॉइन के माध्यम से मदद की जाती है तो वो लाखों डॉलर में होती है। 

 

अब अधिकारियों ने ध्यान दिया कि आतंकवादी हमलों में अक्सर कम धन की आवश्यकता होती है। मगर यदि किसी ग्रुप को खड़ा करना हो या कोई संगठन बनाना हो तो वहां पर अधिक मात्रा में पैसे की आवश्यकता है ऐसे में बिटकॉइन का मांग बढ़ जाती है। सीआईए के पूर्व विश्लेषक याया फैनुसी ने कहा कि अगले कुछ महीनों में आप इसे और अधिक देखने जा रहे हैं।

उनका कहना है कि अब क्रिप्टोकरंसी का उपयोग गलत और दुष्ट लोग अधिक कर रहे है, ये करंसी आतंकवादियों को फंड मुहैया करने का एक हिस्सा बनता जा रहा है। बिटकॉइन जैसी करंसी के माध्यम से पैसा जुटाना आसान हो गया है क्योंकि इसे आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सकता है। इसकी ओर एजेंसियों का भी ध्यान नहीं है। उनको भी ध्यान देना चाहिए। ट्रेजरी सचिव स्टीवन मेनुचिन ने हाल के महीनों में दो भाषणों में इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है। 

कानून तोड़कर पैसा जमा करने के लिए क्रिप्टोकरंसी 
नियम कानून तोड़कर पैसा जमा करने वालों के लिए क्रिप्टोकरंसी एक बहुत बढ़िया साधन बन गया है। क्योंकि वो इसके माध्यम से पैसे को रोक सकते हैं और ट्रांसफर भी कर सकते है, केंद्रीय एजेंसियां इनको आसानी से पकड़ भी नहीं पाती है।

यदि एजेंसियों की इन पर निगरानी हो तो इनके खाते को बंद किया जा सकता है और फंड को फ्रिज किया जा सकता है। विश्व के किसी भी कोने में रहने वाला कोई भी बिटकॉइन के माध्यम से पैसे रिसीव कर सकता है इसके लिए उसे एड्रेस और अपना नाम, पता भी देने की जरुरत नहीं है।

ईरान, वेनेजुएला और रूस जैसे अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहे देशों ने भी उन्हें दरकिनार करने के लिए अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। आतंकवाद के विशेषज्ञों ने कहा कि बिटकॉइन अपने तकनीकी वजहों के कारण आतंकवादियों के बीच भाग लेने में धीमा है। आतंकवादी समूहों के पास बिटकॉइन की आवश्यकता के बिना पारंपरिक वित्तीय प्रणाली का उपयोग करने के तरीके भी हैं। 

दान से चल रहे संगठन 
गाजा के फिलिस्तीनी तटीय क्षेत्र को नियंत्रित करने वाला संगठन हमास परंपरागत रूप से कतर जैसी विदेशी सरकारों से करोड़ों डॉलर के दान पर बच गया है। सीरिया में इस्लामिक स्टेट ने अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में एकत्र किए गए करों और शुल्क पर अपनी सदस्यता ले ली। लेकिन दोनों संगठनों ने पैसे के लिए अपनी पहुंच को काफी कम देखा है।

इजरायल मिस्र की मदद से गाजा की सख्त नाकेबंदी करता है। पश्चिमी समर्थित फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने बीते साल हमास जैसे संगठन पर इस तरह से प्रतिबंध लगाकर उनकी वित्तीय स्थिति को नुकसान पहुंचाया था। इस वजह से इस्लामिक स्टेट समूह ने अपने अधिकार क्षेत्र वाले कई इलाके खो दिए थे। 

 

बिटकॉइन का उपयोग करने की कर रहे कोशिश 
मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक स्टीवन स्टालिंस्की ने सभी आर्थिक प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहते हैं कि हम बिटकॉइन का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। ये संगठन एक बिना लाभ वाला संस्थान है और आतंकी संगठनों के बीच हुई बातचीत का रुपांतरण करता है।

मेमरी के रूप में जानी जाने वाली स्टालिंस्की का संगठन आतंकवादी संगठनों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के बढ़ते संकेतों के बारे में 253 पन्नों की रिपोर्ट प्रकाशित करने वाला है। विशेष रूप से सीरिया में जो समूह इस्लामिक आतंकवादियों के रूप में भाग रहे हैं, वे अपने लगभग सभी क्षेत्र खो चुके हैं, अब तक वो इन्हीं क्षेत्रों का इस्तेमाल करते थे। 

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