आज गुरु नानकदेवजी की पुण्यतिथि है। आप सभी को बता दें कि गुरु नानकदेवजी का जन्म कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन 1469 को राएभोए के तलवंडी नामक स्थान में, कल्याणचंद (मेहता कालू) नाम के एक किसान के घर में हुआ था। गुरु नानकदेवजी की माता का नाम तृप्ता था। कहा जाता है 13 साल की उम्र में उनका उपनयन संस्कार हुआ। वहीं 16 साल की आयु में उनका विवाह सुलखनी से हुआ। उसके बाद साल 1494 में श्रीचंद और लक्ष्मीचंद नाम के दो पुत्र भी इन्हें हुए। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं गुरु नानकदेवजी के दस सिद्धांत, जिन्हे अगर आप अपने जीवन में अपना ले तो आपको बड़ा लाभ होगा। आइए जानते हैं।
नानकदेवजी के दस सिद्धांत :
1. ईश्वर एक है।
2. सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो।
3. जगत का कर्ता सब जगह और सब प्राणी मात्र में मौजूद है।
4. सर्वशक्तिमान ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता।
5. ईमानदारी से मेहनत करके उदरपूर्ति करना चाहिए।
6. बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएं।
7. सदा प्रसन्न रहना चाहिए। ईश्वर से सदा अपने को क्षमाशीलता मांगना चाहिए।
8. मेहनत और ईमानदारी से कमाई करके उसमें से जरूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए।
9. सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं।
10. भोजन शरीर को जिंदा रखने के लिए जरूरी है पर लोभ-लालच व संग्रहवृत्ति बुरी है।