हिंदू धर्म में माघ के महीने का विशेष महत्व होता है। आप सभी को बता दें कि माघ का महीना स्नान, ध्यान, जप, तप और दान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माह माना गया है। ऐसे में आने वाले 16 फरवरी को माह मास की अंतिम पूर्णिमा है और उसके बाद फाल्गुन का महीना आरंभ हो जाएगा। आप सभी को बता दें कि इस पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा कहा जाता है। वहीं इस तिथि पर संत रविदास का जन्म हुआ था और इसी वजह से माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व है। आप सभी को बता दें कि माघी पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान कर दान करने की परंपरा है।
केवल यही नहीं बल्कि इस दिन जो लोग किसी कारण से गंगा स्नान करने में अमसर्थ है वे लोग नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। आप सभी जानते ही होंगे माघी पूर्णिमा के ही दिन संत रविदासजी की जयंती मनाई जाती है। ऐसे में इस तिथि पर संत रविदास जी की पूजा अर्चना, शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं और भजन कीर्तन कर संत रविदास को याद किया जाता है। कहा जाता है रविदास जी को रैदास के नाम से भी पुकारा जाता है।
जी दरसल संत रविदास जी की ‘ मन चंगा तो कठौती में गंगा’ बहुत ही लोकप्रिय कहावत है। जी दरअसल इसका अर्थ है अगर मन अच्छा और सकारात्मक है तो कठौती में ही गंगा जी अवतरित हो जाती है।आपको बता दें कि जीवनभर संत रविदास जी लोगों के उत्थान और भलाई के लिए संदेश देते रहे, इसी वजह से लोग उन्हें भुला नहीं सकते।