लालू परिवार की भ्रष्टाचारजनित अकूत बेनामी सम्पत्ति पर केन्द्रित व सुशील कुमार मोदी द्वारा लिखी पुस्तक ‘लालू-लीला’ का लोकार्पण लोकनायक जेपी की जयंती पर गुरुवार को विद्यापति भवन सभागार में अपराह्न 1 बजे हुआ। इस अवसर पर भाजपा के कई बड़े नेता मौजूद थे।
लोकार्पण के बाद सुशील मोदी ने कहा कि लालू जी को मैं 47 वर्षों से जानता हूं। वे उस जामने में सबसे ताकतवर नेता रहे हैं। लेकिन, आज वो अपने कारनामे के कारण जेल में बंद हैं। लालू ने कई घोटाले किए हैं आज भी लालू 141 भूखंड, 30 फ्लैट और कई मकान का मालिक हैं।
इसके पहले मोदी की अपातकाल के दौरान जेल यातना के संस्मरणों पर आधारित पुस्तक ‘बीच समर में’ तथा लालू प्रसाद के चारा घोटाले पर लिखी पुस्तिका ‘चारा चोर, खजाना चोर’ खासी चर्चित रही हैं।
‘लालू-लीला’ में मोदी ने खोखा कम्पनियों, दान, वसीयत, पावर ऑफ एटॉर्नी और हर काम के बदले जमीन-मकान हथियाने के लालू परिवार के नायाब फंडे का सिलसिलेवार खुलासा किया है।
मोदी के अनुसार सत्ता और राजनीति लालू प्रसाद और उनके परिवार के लिए किस तरह से अवैध सम्पत्ति अर्जित करने का जरिया बनी, इसे पुस्तक उजागर करती है। लालू प्रसाद ने पत्नी, बेटों, बेटियों के लिए ही नहीं, आनेवाली तीन-तीन पीढिय़ों के लिए भी सम्पत्ति बटोरी हैं।
पुस्तक के प्राक्कथन में केंद्रीय कानून व न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लिखा है कि सुशील मोदी की पुस्तक लालू-लीला ‘ लालू परिवार के भ्रष्टाचार का जीवंत दस्तावेज है।
‘केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामले के मंत्री अरुण जेटली ने पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि-‘लालू-लीला’ सार्वजनिक जीवन को भ्रष्टाचार-मुक्त करने के सुशील मोदी के अथक संघर्ष का प्रामाणिक दस्तावेज है।’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का भी मानना है कि -‘भविष्य के लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए ‘लालू-लीला’ एक संदर्भ ग्रंथ के रूप में उपयोगी साबित होगी।’
लोकार्पण समारोह में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, गिरिराज सिंह, राम कृपाल यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नित्यानंद राय, मंत्री प्रेम कुमार,नंद किशोर यादव,श्रवण कुमार, मंगल पाण्डेय, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद राजीव प्रताप रूडी व शाहनवाज हुसैन मौजूद रहे।