आज हम आपको बताएंगे कि iPhone का यह सुविधा कैसे करती है काम..

आप अपने आईफोन की सिक्योरिटी को बेहतर बनाना चाहते हैं तो ऐपल फेस आईडी आपके लिए एक सही विकल्प हो सकता है। आइये जानते हैं कि यह आपके लिए कैसे उपयोगी है और इसे कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।

भारत में ऐपल के हजारों प्रशंसक है, जो इसके अलग-अलग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जो प्रोडक्ट सबसे अधिक इस्तेमाल होता है, वह है आईफोन। आईफोन भारतीयों में काफी लोकप्रिय है और इसके सिक्योरिटी फीचर्स हमे और भी आकर्षित करते हैं। आज हम ऐसे ही एक फीचर की बात कर रहे हैं।

मिलते हैं कई प्राइवेसी फीचर्स

Apple का iPhone कई प्राइवेसी फीचर देता है, जो यूजर सुरक्षा सुनिश्चित करता है। उदाहरण के लिए, यूजर ईमेल भेजते समय अपना IP एड्रेस छुपा सकते हैं, ताकि विज्ञापनदाता उन्हें ट्रैक न कर सकें। अगर यूजर्स ने किसी के साथ अपना लोकेशन या अन्य एक्सेस शेयर किया है, तो वे अपने डाटा को कभी भी प्राइवेट कर सकते हैं। इन टूल्स में फेस आईडी भी एक अहम ऑथेंटिकेशन फीचर है, जो अजनबियों को आईफोन पर तांक-झांक करने से रोकता है। आद हम आपको बताएंगे कि यह सुविधा कैसे काम करती है ।

कैसे काम करता है फेस आईडी फीचर

बता दें कि सटीक फेस डेटा रिकॉर्ड करने के लिए Apple की फेस आईडी iPhones में TrueDepth कैमरा का उपयोग करती है। iPhone कैमरा हजारों अनविजिबल डॉट्स को प्रोजेक्ट और एनालाइज करके ऐसा कर सकता है। यह फीचर यूजर के चेहरे पर सभी निशानों और झुर्रियों को मैप कर सकती है और डाटा को अपने फोन को अनलॉक करने के लिए एक कुंजी के रूप में सुरक्षित रख सकती है।

लुक बदलने पर भी काम करता है ये फीचर

फेस आईडी यूजर की उपस्थिति में बदलाव के अनुसार भी कस्टमाइड हो सकता है। उदाहरण के लिए अगर वे दाढ़ी बढ़ा लेते हैं या दाढ़ी बना लेते हैं या मेकअप भी कर लेते हैं तो ऐसे मामलों में, iPhone सुरक्षा सुविधा पूर्व-सेट पासकोड की मदद से यूजर की पहचान की पुष्टि करती है और फिर यह अगले अनलॉक के लिए उनके चेहरे के डाटा को अपडेट करती है।

बता दें कि यह उपकरण स्कार्फ, टोपी, कॉन्टैक्ट लेंस, चश्मा, धूप का चश्मा और यहां तक कि चेहरे के मुखौटे के साथ काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। आईफोन को किसी और के चेहरे से अनलॉक करना लगभग नामुकिन है।

क्या फेस आईडी बायपास हो सकता है?

iPhone यूजर्स के बीच सबसे आम डर यह है कि अगर कोई सोते समय फोन को अपने चेहरे पर रखकर अपने स्मार्टफोन को अनलॉक करने की कोशिश करता है। ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि कि फेस आईडी ऑथेंटिकेशन सिस्टम तब काम नहीं करेगा जब यूजर्स की आंखें बंद हों। हालांकि, iPhones एक ऐसी सेटिंग के साथ आते हैं जो सक्षम होने पर इस सुरक्षा को बायपास किया जा सकता है।

आईफोन में एक्सेसिबिलिटी फीचर

किसी भी अन्य स्मार्टफोन की तरह, आईफोन में भी दृष्टि, श्रवण या गतिशीलता अक्षमता वाले यूजर्स के लिए कई एक्सेस सुविधाएं शामिल हैं। इनमें असिस्टिव-टच एक ऐसा फीचर है, जो उन आईफोन यूजर्स की मदद करता है, जिन्हें स्क्रीन को छूने या बटन दबाने में दिक्कत होती है। इसके अलावा अन्य विशेषताएं भी हैं जो स्क्रीन पर टेक्स्ट को बड़ा कर सकती हैं।

जोखिम भरा है एक्सेसिबिलिटी फीचर

ये फीचर उन यूजर्स के लिए महत्वपूर्ण हैं जो शारीरिक अक्षमताओं से जूझ रहे हैं, लेकिन ऐसी एक सेटिंग आईफोन यूजर्स की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है। फेस आईडी टूल में एक एक्सेसिबिलिटी फीचर भी शामिल है, जो अंधेपन या खराब दृष्टि वाले यूजर्स का समर्थन करता है। यह सेटिंग iPhone को यूजर्स को अपनी आंखें खोलने की आवश्यकता के बिना अनलॉक करने की अनुमति देती है।

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