इस हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसे बाद में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। मोहम्मद अफज़ल गुरु को 9 फ़रवरी 2013 को सुबह दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी
नई दिल्ली: भारतीय संसद पर हमले की आज 19वीं बरसी है। आज ही दिन 2001 में 13 दिसंबर को आतंक का काला साया देश के लोकतंत्र की दहलीज तक पहुंचा गया था।आतंकवादियों ने हर खतरे से महफूज माने जाने वाले इलाके में शान से खड़ी संसद भवन की इमारत में घुसने की कोशिश की थी।
आतंकियों ने इसके लिए सफेद रंग की एम्बेसडर का इस्तेमाल किया और सुरक्षाकर्मियों को गच्चा देने में कामयाब रहे। लेकिन उनके कदम लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र कर पाते उससे पहले ही सुरक्षा बलों ने उन्हें ढेर कर दिया। भारतीय संसद भवन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाकर बंदूकधारियों के एक गिरोह ने नयी दिल्ली स्थित लोकतंत्र के मंदिर को निशाना बनाया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने संसद हमले (Parliament Attack) में शहीद हुए लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है और कहा है कि वो उस कायरतापू्र्ण हमले को कभी नहीं भूल सकते। पीएम ने ट्वीट किया कि हम 2001 में इस दिन अपनी संसद पर हुए कायरतापूर्ण हमले को कभी नहीं भूलेंगे। हम उन लोगों की वीरता और बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने अपनी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई। भारत हमेशा उनका शुक्रगुजार रहेगा।
आपको बता दें कि आज से 19 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकियों ने संसद पर हमला किया था। संसद के परिसर में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने इस हमले मुकाबला करते हुए सभी आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले में दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हो गए थे।
आतंकियों ने संसद भवन पर उस वक्त हमला किया था जब संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था। उस वक्त संसद भवन में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, विपक्ष की नेता सोनिया गांधी समेत सैकड़ों सांसद मौजूद थे। लेकिन मौके पर मस्तैद सुरक्षाबलों ने मौके पर ही पांचों आतंकियों को मार गिराकर उनके नापाक मंसूबों क नाकाम कर दिया था।।