अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण व रामराज्य की स्थापना समेत पांच प्रमुख उद्देश्यों को लेकर कारसेवकपुरम से मंगलवार को अपराह्न 3 बजे निकलने वाली रामराज्य रथयात्रा की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। रथयात्रा के शुभारंभ पर पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने की बात की जा रही थी लेकिन सोमवार शाम तक मुख्यमंत्री का कोई अधिकृत कार्यक्रम नहीं आया है।आयोजकों का भी कहना है कि हमने सीएम को आमंत्रित किया था लेकिन अभी तक उनके आगमन की सूचना नहीं आई है। यात्रा के नेतृत्वकर्ता स्वामी कृष्णानंद सरस्वती ने बताया कि 13 फरवरी से शुरू होकर 25 मार्च तक चलने वाली श्रीरामराज्य रथ यात्रा की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
हमारा लक्ष्य है कि अगले वर्ष रामनवमी में भगवान राम का अभिषेक भव्य मंदिर में हो इसके लिए जनजागरण हेतु यह यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा छह राज्यों से होते हुए छह हजार किलोमीटर की दूरी तय कर रामेश्वरम पहुंचकर समाप्त होगी। इस अवसर पर मौजूद मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि हिंदू संगठित होगा तभी राष्ट्र अखंड होगा।
राममंदिर के साथ उसके अनुकूल माहौल बनाने की भी जरूरत है, इसी उद्देश्य से यह यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा के संयोजक श्रीशक्ति शांतानंद महर्षि ने बताया कि यात्रा से पूर्व संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें अयोध्या सहित विभिन्न प्रांतों से आ रहे दर्जनों संत शामिल होंगे।
यात्रा के शुभारंभ अवसर पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय समेत अन्य संत-महंत मौजूद रहेंगे। इस दौरान विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक तिवारी, शरद शर्मा, डॉ. अनिल सिंह, बबलू मिश्रा सहित अन्य मौजूद रहे।
राममंदिर मॉडल का रथ बना आकर्षण का केंद्र
रामराज्य रथयात्रा के लिए अयोध्या पहुंच रथ भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 28 फिट लंबे रथ में 28 खंभे लगाए गए हैं। मंदिर के अंदर श्रीराम-सीता व बजरंगबली की प्रतिमा है। मुकामी मंदिर से आई अखंड ज्योति भी जल रही है, यही नहीं नंदीग्राम से लाई गई चरणपादुका व दिव्य सजावट रथ की शोभा बढ़ा रही है।
27 वर्षों से निकल रही यात्रा
यात्रा के संयोजक श्रीशक्ति शांतानंद महर्षि ने बताया कि यह यात्रा 27 वर्षों से लगातार निकल रही है। 1991 में जगत गुरु स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने यात्रा की शुरूआत श्रीरामनवमी रथयात्रा के नाम से की थी। इस वर्ष यात्रा का नाम बदलकर रामराज्य रथयात्रा किया गया है।
इस यात्रा के माध्यम से हम देश के लगभग 10 लाख रामभक्तों व 10 हजार संतों का राममंदिर के पक्ष में हस्ताक्षर भी लेंगे, जिसे राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा। कहा कि राममंदिर निर्माण, रामराज्य की स्थापना के साथ ही शैक्षणिक पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल करना, राष्ट्रीय साप्ताहिक अवकाश गुरुवार को करना व विश्व हिंदू दिवस की घोषणा करना भी यात्रा का उद्देश्य है।