मेधा उम्र की मोहताज नहीं होती। राजधानी के लामार्ट कॉलेज के नवीं के छात्र ऊध्र्व सिंह ने इसे एक बार फिर साबित किया है। उन्होंने ऐसा मॉडल विकसित किया है, जिससे पटरी पर दौड़ रही ट्रेन में बिजली बनती रहेगी। इससे ट्रेन की लाइट जलने के साथ ही एसी और पंखे भी चलेंगे। इतना ही नहीं सिग्नल की बत्ती भी इससे रोशन होगी।
ऊध्र्व ने लकड़ी की प्लाई से एक ट्रेन का मॉडल तैयार किया। उसकी हर एक बोगी पर सोलर पैनल और कई एलईडी बल्ब लगाए। इसके साथ ही टरबाइन फैन लगाए।
ऊध्र्व बताते हैं कि ट्रेन चलने पर पहिए से काइनेटिक एनर्जी से, टरबाइन फैन चलेगा। एक ओर टरबाइन तो दूसरी तरफ सोलर पैनल से बिजली तैयार होती रहेगी।
ऊध्र्व ने बताया कि बिजली को स्टोर करके ट्रेन रूट के स्टेशनों की भी बिजली जरूरत को पूरा किया जा सकेगा। इससे स्टेशन में लगी लाइटें और सिग्नल की भी लाइटें जलेंगी। इसके साथ ही स्टेशन का पंखे और एसी भी चल सकेंगे।
ऊध्र्व ने इस मॉडल को बीते दिनों राजधानी में हुई इंस्पायर अवार्ड मानक प्रतियोगिता में प्रदर्शित किया। मॉडल को डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी व कई बड़े संस्थानों के वैज्ञानिकों व अधिकारियों ने देखा तो उसकी प्रतिभा की सराहना की। ऊध्र्व का मॉडल चयनित हो गया। अब उसे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का मौका मिलेगा।