नोएडा में बाइक बोट के नाम से पोंजी जैसी स्कीम चलाकर हजारों करोड़ का घोटाला किया गया था। अब इसकी जांच ईडी मुख्यालय ट्रांसफर की गई है। आगरा में भी लोगों ने 100 से अधिक बाइक खरीदी थीं। दो साल पहले इन्हें ईओडब्ल्यू ने बरामद कर पुलिस लाइन में खड़ा करा दिया था। 2.5 साल बाद भी फर्जी स्कीम में रकम लगाने वाले निवेशक अपनी रकम वापसी के लिए परेशान हैं। घोटाले की जांच में बरामद बाइक अब कबाड़ हो गई हैं।
आगरा के लोगों ने टैक्सी के रूप में चलाने के लिए बाइकें खरीदी थीं। उम्मीद थी कि रकम लगाने पर फायदा होगा। मगर, लोगों को फायदा तो दूर की बात है, जो रकम लगाई थी, वह भी वापस नहीं मिल सकी। जनवरी 2021 में बाइक बरामद हुई थीं। थाना न्यू आगरा में मुकदमा दर्ज किया गया था। बाइक भी बरामद की गर्ईं थीं। इन बाइकों को यातायात पुलिस के कार्यालय परिसर में खड़ा कराया गया था।
सीट कवर फटे, जंग भी लग गई
यातायात पुलिस के कार्यालय परिसर में बाइक खड़ी हैं। इनमें जंग लग गई है। किसी का सीट कवर फट चुका है तो किसी की इंडीकेटर लाइट टूटी हैं। खुले में होने की वजह से इनकी देखरेख तक नहीं हो पा रही है।
ओला व उबर की तर्ज पर बाइक टैक्सी
ओला व उबर की तर्ज पर बाइक टैक्सी चलवाने का झांसा देकर लगभग 2 लाख से अधिक लोगों को ठगा गया था। नोएडा के रहने वाले बसपा नेता संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से एक कंपनी बनाई थी। बाइक बोट नाम से मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कीम के तहत एक साल में निवेशकों को 2 गुना से ज्यादा मुनाफे का लालच दिया गया था।
62 हजार रुपये करने थे निवेश
कंपनी ने बाइक टैक्सी के लिए 62 हजार रुपये निवेश करने पर हर महीने 9765 रुपये प्रतिमाह की किस्त का भुगतान 12 माह तक किए जाने का झांसा दिया था। एक से अधिक बाइक पर निवेश करने पर अतिरिक्त बोनस बताया था। इसके लिए अलग अलग स्कीम थीं। इन बाइक का संचालन व देखरेख कंपनी करती। लोगों के पैसे का गलत इस्तेमाल किया गया। प्रापर्टी सहित अन्य में लगा दिया गया। वर्ष 2016 से लेकर 2019 तक लोगों से रकम ली गई। इसके बाद घोटाला सामने आया। नोएडा में ही 90 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए। संजय भाटी सहित अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि ‘बाइक बोट के मामले में थाना न्यू आगरा में मुकदमा दर्ज हुआ था। बाइक केस प्रापर्टी से संबंधित हैं। केस का निस्तारण होने पर बाइकों के संबंध में भी निस्तारण किया जाएगा।’
बाइक बोट घोटाले की जांच भी ट्रांसफर
वहीं बाइक बोट घोटाले की जांच भी ईडी मुख्यालय ट्रांसफर हो गयी है। बता दें कि ईडी ने दो माह पूर्व सपा नेता दिनेश सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया है कि वह घोटाले के एक आरोपी को बचाने के लिए ईडी, लखनऊ के एक वरिष्ठ अधिकारी के संपर्क में था। उसने आरोपियों से जांच खत्म कराने के लिए सात करोड़ रुपये वसूले थे। उसके बयान के बाद ईडी मुख्यालय की टीम ने लखनऊ आकर गहन जांच के बाद पूरी पत्रावली अगले हफ्ते तक दिल्ली भेजने को कहा है।