आइये जानते है क्यों नही किए जाते है होलाष्टक में कोई भी शुभ काम, क्या है इसका महत्व

देश में होली का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है, हिंदू पंचांग के मुताबिक, होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार होली 29 मार्च को है। होली से 8 दिनों तक होलाष्टक लग जाता है। इस के चलते किसी प्रकार का कोई शुभ काम नहीं होता है। होलाष्टक आज मतलब 22 मार्च से आरम्भ हो रहा है तथा 28 मार्च तक रहेगा। इसके पश्चात् 28 मार्च 2021 को होलिका दहन तथा 29 मार्च 2021 को होली का पर्व धूम-धाम से मनाया जाएगा।

ज्योतिष शास्त्रों में होलाष्टक के चलते शुभ काम करना अशुभ माना जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि अष्टमी तिथि को कामदेव ने महादेव की तपस्या भंग करने का प्रयास किया था। जिसके पश्चात् महादेव ने कामदेव को भस्म कर दिया था। कामदेव को प्रेम का भगवान मानते हैं जिसके कारण तीनों लोक में शोक छा गया था। इसके पश्चात् कामदेव की पत्नी रति ने महादेव से क्षमा मांगी तथा महादेव ने कामदेव को दोबारा जीवित करने का आश्वासन दिया।

पौराणिक कथा के मुताबिक, प्रहलाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने भक्ति को भंग करने तथा ध्यान भंग करने के लिए निरंतर 8 दिनों तक कई प्रकार की यातनाएं तथा कष्ट दिए थे। ऐसे में माना जाता है कि इन 8 दिनों तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। यही 8 दिन होलाष्टक कहे जाते हैं। 8वें दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका, प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाती है किन्तु प्रहलाद बच जाते हैं तथा होलिका जल जाती हैं। प्रहलाद के जिंदा बचने की प्रसन्नता में दूसरे दिन रंगों की होली मनाई जाती है।

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