बारिश का मौसम अपने साहत कई तरह की परेशानियां भी लेकर आता है। कोल्ड और फीवर के अलावा जॉइंट पेन भी एक मुख्य समस्या है जिससे ज्यादातर लोग जूझते हैं। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही कुछ टिप्स के बारे में जिक्र करेंगे जिनकी मदद से मानसून सीजन में इससे राहत पाई जा सकती है। आइये जानते हैं उन टिप्स के बारे में।
बारिश का मौसम आते ही चिलचिलाती गर्मी से राहत तो मिलती है, लेकिन इसके साथ कई तरह की समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं। इनमें से एक है जोड़ों का दर्द, जिसे मुख्य रूप से लोगों में देखने को मिलती है। मानसून के दौरान मौसम में बदलाव होने से जोड़ों में परेशानी और अकड़न बढ़ सकती है। ऐसे में इसके कारणों को समझना और जीवनशैली में परिवर्तन लागू करना बेहद जरूरी है, जिससे जोड़ों के दर्द को प्रबंधित करने और दूर करने में मदद मिल सके। जॉइंट पेन से राहत पाने के उपाय जानने से पहले जान लेते हैं कि मानसून में जोड़ों का दर्द क्यों होता है।
मानसून के दौरान जोड़ों में दर्द क्यों होता है?
मानसून और जोड़ों के दर्द के बीच संबंध को विभिन्न कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इसके प्रमुख कारणों में से एक महत्वपूर्ण कारण है वातावरणीय दबाव में गिरावट, जो बरसात के मौसम के दौरान होता है। यह परिवर्तन जोड़ों में द्रव की गतिशीलता को प्रभावित करता है, जिससे दर्द बढ़ जाता है, खासकर गठिया जैसी स्थिति वाले व्यक्तियों में।
मानसून में जोड़ों के दर्द से कैसे निपटें?
1) एक्टिव रहें
जोड़ों के दर्द को दूर रखने के लिए इनडोर एक्सराइज और एक्टिविटीज को बढ़ाएं। कम प्रभाव वाले व्यायाम जैसे योग, पिलाटेस या सीढ़ियों की कसरत का विकल्प चुनें। ये गतिविधियां जोड़ों में लचीलापन बनाए रखने और सहायक मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकती हैं।
2) स्वस्थ वजन बनाए रखें
अतिरिक्त वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे दर्द और परेशानी बढ़ जाती है। स्वस्थ वजन बनाए रखने और अपने जोड़ों पर दबाव कम करने के लिए संतुलित आहार का पालन करें, जिसमें भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज शामिल हों।
3) हाइड्रेटेड रहें
जोड़ों को हाइड्रेटेड रखने के लिए पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। हाइड्रेशन से जोड़ों में चिकनाई और लचीलेपन को बनाए रखने में मदद मिलती है। डिहाइड्रेशन से जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है।
4) गर्म और ठंडी थेरेपी को अपनाएं
प्रभावित जोड़ों पर गर्म या ठंडा पैक लगाने से दर्द और सूजन से अस्थायी रूप से राहत मिल सकती है। मांसपेशियों को आराम देने और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार के लिए गर्म पैक या गर्म तौलिये का उपयोग करें। कोल्ड पैक या तौलिये में लपेटी गई बर्फ सूजन को कम करने और क्षेत्र को सुन्न करने में मदद कर सकती है।
5) पॉश्चर में सुधार करें
गलत पॉश्चर से जोड़ों पर काफी तनाव पड़ता है, जिससे दर्द बढ़ जाता है। इसलिए बैठने और खड़े होने की मुद्रा पर ध्यान दें। अगर जरूरत हो तो एर्गोनोमिक कुर्सियों और सपोर्ट का इस्तेमाल करें।
6) उचित जूते पहनें
ऐसे जूते चुनें, जो पैरों को पर्याप्त सहारा और कुशन प्रदान करें और शरीर के वजन को समान रूप से वितरित करने और जोड़ों पर तनाव को कम करने में मदद करे।