हरियाणा के चर्चित आइएएस अधिकारी अशोक खेमका ने फिर आक्रामक तेवर दिखाए हैं और राज्य सरकार के लिए परेशानी पैदा कर दी है। खेमका ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर उस जांच कमेटी की जांच पर सवालिया निशान लगाया है, जो आइएएस अधिकारी जगदीप सिंह के बेटे विश्वजीत सिंह द्वारा खेल कोटे से एचसीएस भर्ती के प्रकरण की जांच को लेकर गठित की गई थी। इस कमेटी में खेल विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग का एक प्रतिनिधि शामिल था।
खेमका का आरोप है कि जगदीप सिंह ने खेल निदेशक पद के दौरान अपने पुत्र विश्वजीत को ग्रेड ए का सर्टिफिकेट जारी कर दिया, जो कि नियमानुसार ठीक नहीं था।
उस सर्टिफिकेट के आधार पर विश्वजीत ने खेल कोटे से एचसीएस की नियुक्ति पा ली। खेमका का कहना है कि जिस विभाग पर उंगलियां उठी हैं वही जांच कैसे करेगा? अपने ही विभाग के कारनामे को गलत कैसे ठहरा पाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से समय मांगा है, ताकि तथ्यों सहित पूरी जानकारी दे सकें।
अशोक खेमका ने कहा कि सरकार अगर इस संदर्भ में कोई कड़ा कदम उठाती है तो उसकी विश्वसनीयता बढ़ेगी। इस मामले में उनका कोई निजी हित नहीं है। उन्होंने कई तरह के सवाल उठाते हुए कहा कि 12 जून 2018 को सर्टिफिकेट जारी हुआ और एचपीएससी ने उसी तारीख को सर्टिफिकेट चेक कर सही मान लिया।
उन्होंने कहा कि कैसे जगदीप सिंह उत्तराखंड राइफल एसोसिएशन से नेशनल राइफल एसोसिएशन में नामित हो गए थे। क्या उन्होंने इसके लिए सरकार से मंजूरी ली थी? क्या जिला खेल अधिकारी पर दबाव नहीं बनाया गया? क्या चार साल बाद सर्टिफिकेट जारी करना ठीक था? इसी तरह के कई सवाल उठाते हुए खेमका ने सही तरीके से जांच आर आपराधिक मुकदमे दर्ज करने की मांग की है।