अहमदाबाद, गुजरात के अहमदाबाद महानगर में 2008 में हुए श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों पर फैसला फिलहाल टल गया है। जज के कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण अब फैसले के 8 फरवरी को आने की संभावना है। अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को एक के बाद एक डेढ़ दर्जन से अधिक धमाकों में करीब 56 लोगों की मौत हो गई थी तथा 200 से अधिक लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इसके अलावा सूरत में भी बड़ी संख्या में जीवित बम बरामद किए गए थे।
पुलिस ने इन मामलों में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कर करीब 77 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। स्पेशल अदालत के जज ए आर पटेल 1 फरवरी को इसका फैसला सुनाने वाले थे लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बम धमाका मामलों में फैसला नहीं आ सका है। न्यायाधीश पटेल अब संभवत 8 फरवरी को बम धमाका केस में अपना फैसला सुनाएंगे।
वरिष्ठ लोक अभियोजक सुधीर ब्रह्मभट्ट ने बताया कि मंगलवार को बम धमाका प्रकरण में फैसला आने वाला था लेकिन 30 जनवरी को ही स्पेशल कोर्ट के जज ए आर पटेल संक्रमित हो गए जिसके कारण अब यह फैसला 8 फरवरी को आने की संभावना है। जज ने कहा है कि फैसला आने के दो-तीन दिन पहले सभी एजेंसी मीडिया एवं संबंधित पक्षों को इसकी जानकारी दी जाएगी।
गौरतलब है कि इंडियन मुजाहिदीन नामक एक आतंकवादी संगठन इस बम धमाकों की साजिश के पीछे था। पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए 77 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया जबकि आठ आरोपी इन मामलों में अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। एक आरोपी सरकारी गवाह बन गया था। आरोपियों के खिलाफ हत्या आपराधिक षडयंत्र करने राजद्रोह तथा सरकार के खिलाफ युद्ध की साजिश रचने के मामलों में केस चलाया गया। बम धमाका प्रकरण में अहमदाबाद में करीब डेढ़ दर्जन प्राथमिकी दर्ज की गई थी इसके अलावा सूरत में बम प्लांट करने के मामलों में भी एक से अधिक एफ आई आर दर्ज हैं। बड़ी संख्या में अहमदाबाद में आतंकी संगठन के स्लीपर सेल इस मामले में पकड़े गए थे। अधिकांश आरोपी अभी अहमदाबाद के साबरमती जेल में बंद हैं।