आज के समय मे चल रही सुखमय जीवनषैली तथा भौतिकतावादी वस्तुओं की जरूरतों के लिये व्यक्ति यहाँ वहाँ दौड़ रहा है।उच्च प्रतिस्पर्धा और सुख संव्रधी के लिए अपने आप को भूल बैठा है। व्यक्ति अपने जीवन को सुरक्षित तथा सुविधा संपन्न बनाने के प्रयास में लगा हुआ है। कई बार किसी कार्य के पूर्ण न होने से बुद्धिमान तथा योग्य व्यक्ति भी स्वयं असंतुष्ट होकर तनाव में आ जाते हैं। तथा कई बार उनका यह तनाव अवसाद की स्थिति मे परिवर्तित हो जाता है। और व्यक्ति हार मान लेते है।
मानव के इस असफल होने की स्थिति को कुंडली के माध्यम से बहुत अच्छी तरह से विश्लेषण किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में गृह दोष है तो उसके कारण भी असफला का कारण बनता है। जिससे व्यक्ति जुल्द ही तनाव की स्थिति मे आ जाता है वहीं किसी प्रकार से क्रूर ग्रह या राहु के प्रभाव से भी असफलता के कारण तनाव की स्थिति बनती है।
जब व्यक्ति के जीवन मे बुध की दषा या अंतरदषा चलती है तो तनाव की स्थिति और भी प्रभावशाली हो जाती है इस स्थिति में व्यक्ति को कम नींद आती है, कम भोजन करता है। उसके स्वभाव मे चिड़चिड़ापन आ जाता है। और वह अपने जीवन को व्यर्थ समझने लगता है। व्यक्ति कई बार बहुत से गलत व्यसन, बुरी आदतों का आदि होने लगता है। पर यह बहुत ही गलत है। व्यक्ति को अपने धैर्य और साहस को खोना नहीं चाहिये। कई बार यह भी होता है कि यदि हमारा कोई काम बिगड़ गया तो हम बहुत परेशान हो जाते है। जिससे हमारे जीवन मे आने वाले और भी कार्य रुक जाते है। और हम असफलता हासिल कर लेते है।
व्यक्ति को उसके बुरे समय से घबराना नहीं चाहिये हिम्मत व धैर्य से काम लेना चाहिये। उसे ग्रहों की शांति के लिये कुछ सरल उपायों को किसी अच्छे ज्योतिषी से जानना चाहिये। व्यक्ति के जीवन मे उतार चढ़ाव तो आते ही रहते है। उससे घबराये न हर किसी चीज का कुछ न कुछ निवारण अवश्य होता है।