जिस शहर में गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है। वहां से गंगा-जमुनी तहजीब का नायाब संदेश निकला है। यहां कुंभ यात्रियों के लिए रोड को चौड़ा बनाने के लिए अल्लाह के बंदों ने खुद मस्जिदें तोड़ दीं। आगामी कुंभ में संगम नगरी में कुंभ के आयोजन के लिए सडक़ों का चौड़ीकरण चल रहा है। इसके तहत नगर में विभिन्न इमारतों को तोड़ा जा रहा है। यहां के मुस्लिमों ने कुंभ मेले के लिए सडक़ के चौड़ीकरण का समर्थन करते हुए इबादतगाहों के प्रमुख हिस्सों को अपने हाथों से तोड़ दिया।
राजपुर में मस्जिद ए कादरी में मुतवल्ली इरशाद हुसैन के नेतृत्व मं स्थानीय लोगों ने सरकारी योजना का समर्थन करते हुए मस्जिद के प्रमुख भाग को तोड़ दिया। तोड़े गए हिस्से में वजूखाना प्रमुख है। कुंभ के नाम पर किसी भी स्थानीय नागरिक ने इसका विरोध नहीं किया। तोडऩे वालों में नौलाख सिद्दीकी, हाजी शादाब अहमद, गजाल, गुफरान और एहतेशाम प्रमुख है। सभी ने एक स्वर में कहा कि हम कुंभ के लिए होने वाले सडक़ चौड़ीकरण में अपना सहयोग देना चाहते हैं इसलिए ऐसा किया है। गौरतलब है कि चकिया बेहद घनी मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र है। जिन सडक़ों का चौड़ी करण होना है उसमें कुछ मस्जिदें भी मौजूद हैं। जब स्थानीय मुस्लिमों को पता चला कि सडक़ चौड़ीकरण होनी है तो लोगों ने विरोध के स्थान पर समर्थन करना शुरू कर दिया। नगर निगम द्वारा चिह्नित मस्जिदों के कुछ हिस्सों आपसी सहमति से गिरा दिया गया।