उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अयोध्या दौरे पर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने यहां रामलला के दर्शन किए. सीएम योगी ने इससे पहले हनुमान गढ़ी भी गए, वहां सरयू तट पर पूजा अर्चना भी की. सीएम योगी ने यहां सरयू नदी के घाटों को दुरुस्त करने तथा इसके विशेष रखरखाव के निर्देश दिए. इसके साथ ही उन्होंने विशाल सरयू महोत्सव तथा वाराणसी में होने वाली गंगा आरती की तर्ज पर सरयू आरती कराने का भी ऐलान किया. इससे पहले साल 2002 में राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए रामलला के दर्शन किए थे. ऐसे में पिछले 15 वर्षों के दौरान किसी मुख्यमंत्री के इस पहले अयोध्या दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
रामभक्त योगी, पहले भी जा चुके हैं अयोध्या
उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री का अयोध्या से खास रिश्ता रहा है. योगी आदित्यनाथ का यह अयोध्या दौरा ना सिर्फ एक सीएम, बल्कि रामभक्त के तौर पर भी है. यहां वह रामलला के दर्शन के अलावा डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में पार्टी पदाधिकारियों से विचार-विमर्श करेंगे. इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों संग समीक्षा बैठक करेंगे और महंत नृत्य गोपालदास के जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगे.
योगी के इस अयोध्या दौरे की टाइमिंग भी संकेतात्मक है. अभी एक दिन पहले ही बीजेपी के पुराने सितारे आडवाणी और जोशी लखनऊ की सीबीआई की स्पेशल अदालत में हाजिर हुए. ये पहली बार नहीं है, जब योगी आदित्यनाथ अयोध्या जा रहे हैं. इससे पहले वह अपने गुरु और गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ के साथ अयोध्या आ चुके हैं.
महंत अवैद्यनाथ के दिगंबर अखाड़े के महंत रामचंद्र परमहंस के साथ बेहद अच्छे संबंध थे. रामचंद्र परमहंस राम जन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष भी थे. ये न्यास भव्य मन्दिर के निर्माण के लिए गठित किया गया था. महंत अवैद्यनाथ खुद इसके सदस्य भी रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को जब आडवाणी समेत 13 और आरोपियों के खिलाफ साजिश का मामला दोबारा चलाने के आदेश दिया था, उसमें महंत अवैद्यनाथ का भी नाम था. हालांकि उनके निधन के चलते उनका नाम हटा लिया गया. महंत अवैद्यनाथ ने अपने जीवित रहते अपनी विरासत अपने सबसे प्रिय और कर्तव्यनिष्ट शिष्य योगी आदित्यनाथ को सौंपी और उनको गोरखनाथ पीठ का उत्तराधिकारी बनाया. अब योगी के कंधों पर अपने गुरु की अधूरी आकांक्षाओं को पूरा करने की भी जिम्मेदारी है.
बीजेपी नहीं छोड़ना चाहती राम मंदिर मुद्दा
2019 में सत्ता वापसी के लक्ष्य को साधने में जुटी बीजेपी के लिए अयोध्या बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है. मौका मिलने पर बीजेपी ने बार-बार राम मंदिर का कार्ड जमकर खेला है. बाबरी विध्वंस के बाद राम मंदिर को भुना कर यूपी में सत्ता पर भी काबिज हुई. मगर तब से अब तक सरयू नदी में बहुत पानी बह चुका है. जहां राम मंदिर का मुद्दा कानूनी बारीकियों में फंसा है, जनता भगवा ब्रिगेड के नारे सुन-सुन कर बोर हो चुकी है. ऐसे में बीजेपी की कोशिश होगी केंद्र और राज्य में अपनी सरकार होने का पूरा फायदा उठाकर अयोध्या को सियासी रूप से जीवंत रखे.
2019 से पहले राम मंदिर जरूर बनेगा: साक्षी महाराज
बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का कहना है कि राम मंदिर 2019 से पहले जरूर बनेगा. उन्होंनें कहा, ‘मंदिर बनने से कोई रोक नहीं सकता और 25 साल के बाद जो आरोप तय किए गए हैं, उनमें कोई दम नहीं है. खोदा पहाड़ निकली चुहिया, चुहिया भी मरी हुई निकलेगी. योगी आदित्यनाथ की अयोध्या यात्रा का राजनीतिक मतलब नहीं निकाले जाने चाहिए, वह मुख्यमंत्री बाद में हैं, पहले संत हैं इसलिए वहां दर्शन करने गए हैं. हालांकि, दर्शन करते वक्त उनके मन में एक बात जरूर आई होगी कि राम लला हम आए हैं, मंदिर जरूर बनाएंगे.
9:20 से 11 बजे तक: सबसे पहले मुख्यमंत्री हनुमानगढ़ी, राम जन्मभूमि फिर राम की पैड़ी और सरयू नदी के घाट पर आरती करेंगे.
11:30 से 12 बजे तक: वे अवध यूनिवर्सिटी में पार्टी के पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे.
12 बजे से 2:30 बजे तक: यहां वे फैजाबाद मंडल के विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था की समीक्षा भी करेंगे जिसमें मंत्री, विधायक सभी मौजूद रहेंगे.
2:50 से 3:30 बजे तक: राम जन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष रामचन्द्र परमहंस के दिगंबर अखाड़ा में रहेंगे.
3:35 से 4:35 बजे तक: दीनबंधु अस्पताल का निरीक्षण करेंगे, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंथ नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव समारोह में शामिल होंगे.
5:15 बजे शाम को फैजाबाद के प्रधान डाकघर में पासपोर्ट सेवा का उद्घाटन करेंगे.