रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए 2.77 एकड़ भूमि रामलला विराजमान के नाम दर्ज हो गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद करीब 70 एकड़ भूमि करीब चार माह पहले श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज हो चुकी है।

अयोध्या में इस नामांतरण में तकनीकी दिक्कत थी, वह यह कि अधिग्रहीत 67.77 एकड़ भूमि तो ट्रस्ट के नाम ट्रांसफर करने में कोई विधिक अड़चन नहीं थी, पर 2.77 एकड़ की जिस भूमि पर नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने रामलला का अधिकार माना, उसका नामांतरण रामलला के नाम होना चाहिए था। अब यह सुधार कर लिया गया है। अधिग्रहीत परिसर रामजन्मभूमि ट्रस्ट के नाम करने के साथ रामलला की भूमि भी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम हो गई थी। इसमें संशोधन के लिए शासन को पत्र भेजा गया था। शासन ने संशोधन की अनुमति प्रदान कर दी है। तहसीलदार विजयकुमार सिंह के अनुसार शासनादेश का अनुपालन करा 2.77 एकड़ भूमि राजस्व अभिलेखों में रामलला के नाम दर्ज कर दी गई है।
अयोध्या में मंदिर के लिए भूमि पूजन से पहले शनिवार को राम जन्मभूमि की जमीन को आधिकारिक रिकॉर्ड (नुज़ूल) में राम लला विराजमान के नाम हस्तांतरित कर दिया गया। अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट अनुज झा ने भूमि हस्तांतरण की प्रमाणित प्रति श्री राम जन्मभूमि तीरथ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंप दी। इसकी अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, अयोध्या, गोरेलाल शुक्ला ने भूमि हस्तांतरण की पुष्टि की। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 30 सितंबर, 2010 को 2.77 एकड़ की एक तिहाई, फिर विवादित भूमि को हिंदुओं को, एक-तिहाई मुसलमानों को और एक तिहाई को राम लला को प्रदान करने का निर्देश दिया था। यह 2.77 एकड़ वह भूमि है, जिस पर राम मंदिर का के गर्भगृह का निर्माण किया जाएगा।
अयोध्या में बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए आधारशिला रखी, इसके साथ ही वहां पर बड़े विकास मार्ग भी प्रशस्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भूमि पूजन के बाद हुए संबोधन में भले ही किसी खास विकास योजना की घोषणा नहीं हुई, लेकिन बुधवार को उनका संबोधन रामनगरी की विकास योजनाओं की गति को नई ऊर्जा देने वाला रहा। नगर निगम ने स्मार्ट सिटी सहित विकास की कई योजनाएं बनाई है, जिस पर काम में तेजी आने की उम्मीद है।
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