अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को नाटो के पूर्वी सहयोगियों से मुलाकात करेंगे। उनकी यह मुलाकात रूस द्वारा एतिहासिक परमाणु हथियार नियंत्रण संधि को खत्म किए जाने के बाद नाटो सहयोगियों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए की जा रही है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को नाटो के पूर्वी सहयोगियों से मुलाकात करेंगे। उनकी यह मुलाकात रूस द्वारा एतिहासिक परमाणु हथियार नियंत्रण संधि को खत्म किए जाने के बाद नाटो सहयोगियों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए की जा रही है।
तनाव चरम पर
रूस के यूक्रेन पर किए गए हमले के एक साल पूरा होने के ठीक एक दिन पहले अचानक कीव के दौरे के बाद बाइडेन 20 फरवरी को देर शाम वर्साव पहुंचे। हालिया समय में शीत युद्ध के बाद पहली बार रूस और पश्चिम के बीच तनाव चरम पर है। इस परिस्थिति में बाइडेन ने 21 फरवरी को वर्साव के डाउनटाउन में हजारों लोगों का संबोधित किया। उन्होंने कहा कि रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन जैसे तानाशाहों का विरोध बेहद जरूरी है।
पुतिन हुए संधि से बाहर
बाइडेन के संबोधन से कुछ घंटे पहले पुतिन ने एक लंबी टिप्पणी में पश्चिमी शक्तियों की आलोचना करते हुए उन्हें यूक्रेन में युद्ध का जिम्मेदार बताया। पुतिन ने नई हथियार नियंत्रण संधि से खुद को अलग करते हुए चेतावनी दी की मास्को परमाणु परीक्षणों को दोबारा शुरू कर सकता है।
दूतावास के कर्मचारियों से मिलेंगे बाइडेन
बाइडेन बुधवार को वर्साव में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों से मिलेंगे। इसके बाद वे बुहारेस्ट नाइन के नेताओं से मुलाकात करेंगे। बुहारेस्ट नाइन में नाटो की पूर्वी शाखा के वे देश शामिल हैं जिन्होंने शीत युद्ध के दौरान रूस के बढ़ते वर्चस्व के बाद पश्चिमी सेना से हाथ मिलाया था।
इनमें अधिकतर वे देश शामिल हैं जिन्होंने यूक्रेन को सैन्य सहायता दिए जाने की हिमायत की थी। इसके अतिरिक्त उन देशों के अधिकारी भी शामिल होंगे, जिन्होंने एयर डिफेंस सिस्टम जैसे अतिरिक्त संसाधनों की मांग की है। वाशिंगटन लौटने से पहले बैठक में बाइडेन उक्त देशों की सुरक्षा के लिए किए गए अपने वादे की पुष्टि करने के साथ ही यूक्रेन के लिए सहायता के संबंध में चर्चा करेंगे।
सहयोग की मांग
रूस नाटो को एक खतरे के तौर पर देखता है, जिसमें आने वाले समय में स्वीडन और फिनलैंड के शामिल होने की संभावना है। लिथुआनिया के राष्ट्रपति के प्रमुख विदेशी नीति सलाहकार ने बताया कि हमारे राष्ट्रपति गिटानास नौशेदा बाइडेन को यह संदेश देना चाहते हैं कि अमेरिका का नाटो के पूर्वी धड़े और यूरोप में दखल बढ़े। साथ ही यूक्रेन को और अधिक मदद उपलब्ध करवाई जाए।
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