भारत आए अमेरिकी जनरल ने पूर्वी लद्दाख में चीन की गतिविधि को खतरे की घंटी बताया था। चीन के विदेश मंत्रालय (MoFA) ने गुरुवार को बताया कि चीन और भारत के पास इतनी क्षमता है कि ये आपस में वार्ता के जरिए सीमा का मसला हल कर सकते हैं। साथ ही अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि वहां के अधिकारी आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिकी आर्मी के पैसिफिक कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए फ्लिन के चार दिवसीय भारत दौरे के समय दिए गए बयान के बाद चीन ने यह प्रतिक्रिया दी है। मीडिया के साथ बातचीत के दौरान अमेरिकी अधिकारी ने लद्दाख सेक्टर में भारत की सीमा पर चीन द्वारा विकसित किए जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर आगाह किया था। उन्होंने इलाके में चीन की गतिविधियों को ‘अलार्मिंग’ करार देते हुए चौकन्ना रहने की सलाह दी थी।
एक प्रेस कान्फ्रेंस में चीन के विदेश मंत्री झाओ लिजियान ने कहा, ‘कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने ऊंगली उठाकर चिंगारी को हवा देने का काम किया और दोनों देशों के बीच तनाव को और गहरा करने की कोशिश की। यह सही नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका अधिक काम कर सकता है जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कायम करने में सहायक होगा।’ भारत ने गुरुवार को कहा था कि यह सावधानी के साथ अपनी सीमाओं की निगरानी कर रहा है।
अमेरिकी सेना के प्रशांत क्षेत्र के कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए. फ्लिन ने चीन की वामपंथी सरकार के इस अस्थिर और शत्रुतापूर्ण व्यवहार को हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी बताया है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई, 2020 से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। उसी साल जून में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान और अधिकार बलिदान हो गए थे और चीन को भी इससे ज्यादा नुकसान हुआ था, हालांकि उसने मारे गए अपने सैनिकों की सही संख्या कभी नहीं बताई।
लद्दाख में भारत-सीमा के बीच सीमा पर तनाव के बारे में पूछे जाने पर फ्लिन ने संवाददाताओं से कहा कि उनका मानना है कि चीन की हरकतें आंखें खोलने वाली हैं और चीन सेना की पश्चिमी थिएटर कमान द्वारा बुनियादी ढांचों को निर्माण खतरे की घंटी है।
चीन की पश्चिमी थियेटर कमान भारत की सीमा पर तैनात है। फ्लिन ने कहा कि चीन की रक्षा तैयारियों को देखने के बाद कोई भी यह पूछेगा कि इसकी जरूरत क्या है। इसलिए वह भारत-चीन सीमा की स्थिति के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कह सकते हैं, लेकिन यह सवाल तो उठता ही सीमा पर इतनी तैयारियों के पीछे चीन की मंशा क्या है।
फ्लिन ने कहा कि भारत और चीन के बीच चल रही बातचीत अच्छी बात है। लेकिन व्यवहार भी अहम है। इसलिए चीन कह कुछ और रहा है और कर कुछ रहा है, ऐसे में अमेरिका समेत सभी के लिए यह चिंता की बात है। अमेरिकी कमांडर ने कहा कि 2014 से 2022 के बीच चीन के रवैये में बड़ा बदलाव आया है। वह अब कपटपूर्ण चाल रहा है। चीन की अस्थिर और शत्रुतापूर्ण रवैया हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए मददगार कतई नहीं है। चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इस क्षेत्र के सभी समान विचारधारा वाले देशों को अपने संबंधों को मजबूत करना होगा और अपनी क्षमता बढ़ानी होगी।