वाशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट की सूत्र ने पुष्टि की है, जिसमें ये कहा गया है कि प्रशासन पिछले साल के अंत में ईरानी तेल के कुछ आयातकों को दी गई प्रतिबंध छूट को समाप्त कर देगा। तेल की आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना से ही सोमवार को कच्चे तेल में 3.2 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई। जिससे इसकी कीमत 74.30 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। जो एक नवंबर के बाद से सबसे अधिक है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम को बीते हफ्तों में ये साफ कह चुके हैं कि वह छूट को खत्म करना चाहते हैं। वहीं इस मामले पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन भी काम कर रहे हैं। बता दें 2015 में अमेरिका ने खुद को ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अलग कर लिया था।
इसके बाद नवंबर में अमेरिका ने ईरानी तेल के निर्यात पर प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया। इसके बाद एक एक करके तेल खरीददारों पर लगे प्रतिबंधों में कुछ छूट दे दी गई थी। ऐसा इसलिए किया गया ताकि ये देश तेल के लिए अन्य विकल्प खोज सकें।
इन देशों की सूची में भारत के अलावा चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, तुर्की, इटली और ग्रीस शामिल हैं। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री ने छूट को अब खत्म करने की बात भी कही है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंध की वजह से तेल की आपूर्ति में किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी क्योंकि अमेरिका और सऊदी अरब सहित दूसरे देशों ने तेल का उत्पादन बढ़ा दिया है।
नवंबर से इटली, ग्रीस और ताइवान ने ईरान से तेल खरीदना बंद कर दिया था। वहीं अन्य पांच देश ये कोशिश कर रहे हैं कि उनके खिलाफ अभी किसी तरह का प्रतिबंध न लगाया जाए।