ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका आने के लिए वीजा आवेदन करने वालों के लिए कठोर पुनरीक्षण प्रक्रिया का प्रस्ताव दिया है जिसमें उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच शामिल हैं ताकि आतंकवादी गतिविधियों से संबंध रखने वालों अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अपात्र लोगों को देश से दूर रखा जा सके। रक्षा मंत्रालय ने गुरूवार को एक अधिसूचना जारी की है जिसमें उन प्रश्नों का जिक्र है जो कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय आवेदकों से पूछना चाहता है।
विदेश मंत्रालय ने इन उपायों पर टिप्पणियां मांगी हैं। इसमें कहा गया है कि एक अनुमान के मुताबिक सालाना 65 हजार आवेदक अथवा 0.5 प्रतिशत आवेदकों पर इसका असर पड़ेगा। अधिसूचना में कहा गया, ‘‘यात्रा इतिहास के संबंध में अगर अधिकारी को लगता है कि आवेदक ऐसे किसी क्षेत्र में रहा हो जो कि किसी आतंकवादी संगठन के नियंत्रण में था तो आवेदकों को उनकी अंतरराष्ट्रीय अथवा घरेलू यात्राओं के बारे में विवरण उपलब्ध कराने के लिए भी कहा जाएगा।’’
जो आवेदक नए बनाए गए मानदंडों के अंतर्गत आते हैं उन्हें उनके भाई बहनों के नाम और जन्मतिथि के बारे में भी बताना होगा। उन्हें विदेश मंत्रालय को उनके सोशल मीडिया हैंडलर्स तथा अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म के बारे में भी बताना होगा। मंत्रालय ने कहा कि ये अतिरिक्त सूचनांए अधिकारी को वीजा के लिए अपात्र आवेदकों की पहचान करने में मदद करेगी।
इस अधिसूचना की देश में काफी आलोचना हो रही हैं। एक व्यक्ति ने इसे एकदम बकवास करार दिया है। जेनिफर फिलिन नामक एक महिला ने, ‘‘सूचना एकत्र करने के प्रस्ताव को हास्यास्पद, बोझिल तथा अनावश्यक करार दिया।’’
वहीं अमेरिका के श्रम विभाग ने कहा है कि अमेरिकी कर्मियों की नौकरी लेकर उनके स्थान पर भारत जैसे अन्य देशों के कर्मियों को नौकरी देने के लिए एच1बी वीजा का इस्तेमाल करने वाली फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए चार स्तरीय वेतन संरचना में विधायी बदलाव करने की आवश्यकता है।
श्रम विभाग ने दो शीर्ष सीनेटरों चक ग्रासले और डिक डर्बिन को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘कोई विधायी बदलाव नहीं होने की स्थिति में (श्रम) विभाग के पास एच1बी लेबर कंडीशन एप्लीकेशन्स में कर्मियों द्वारा इस समय इस्तेमाल किए जाने जा रहे चार स्तरीय मौजूदा वेतन संरचना का लाभ उठाने की नियोक्ता की क्षमता को प्रभावित करने का अधिकार नहीं है।
अमेरिका के कार्यवाहक श्रम मंत्री एड्वर्ड सी हगलर ने 27 अप्रैल को लिखे एक पत्र में कहा कि उन्होंने कई अन्य विधायी बदलावों को चिह्नित किया है ताकि विभाग एच1बी वीजा पर निर्भर उन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सके जिन पर सांसदों ने अमेरिकी कर्मियों की जगह अन्य देशों के कर्मियों को नौकरी देने का आरोप लगाया है।
सीनेटरों ग्रासले और डर्बिन ने मीडिया में एक पत्र की प्रति जारी करते हुए एक संयुक्त बयान में कहा कि कांग्रेस को श्रम विभाग को एच1बी वीजा दुरुपयोग की जांच का अधिकार देने की आवश्यकता है। यह अधिकार अभी उसके पास नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘श्रम विभाग की प्रतिक्रिया एच1बी वीजा दुरुपयोग को समाप्त करने की तत्काल आवश्यकता को और रेखांकित करती है। कड़ी मेहनत करने वाले हजारों अमेरिकियों का कल्याण दांव पर है।’’
कार्यवाहक श्रम मंत्री ने चार पृष्ठीय पत्र में कहा कि ‘‘चार स्तरीय वेतन संरचना’’ उन मुख्य कारणों में से एक है जिनके तहत एच1बी वीजा धारक विदेशी कर्मियों को कंपनी कम वेतन पर नौकरी दे रही हैं।