अमेरिका और जापान को अपनी रणनीति से चेतावनी दे रहा है चीन

पिछले दिनों ताइवान दौरे पर गईं नैन्सी पेलोसी ने चीन को खूब भड़काया और इसका परिणाम यह हुआ कि चीन और ताइवान में तनातनी बढ़ती ही जा रही है। इसी कड़ी में चीन और उसकी सेना ने ताइवान की सामरिक और आर्थिक घेराबंदी कर डाली है। बीजिंग के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के युद्ध रणनीति के विशेषज्ञ प्रोफेसर मेजर जनरल मेंग झियांगकिंग का कहना है कि चीन की सेना ताइवान को सामरिक और आर्थिक रूप से घेर चुकी है।

दरअसल, चीन ने पिछले सप्ताह युद्ध अभ्यास के दौरान पांच बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं। यह मिसाइलें पूर्वी ताइवान में स्थित जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के पास स्थित समुद्री क्षेत्र में गिरी थी। चीन ने पहली बार ऐसी कोई कार्रवाई की थी। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अपनी इस रणनीति से अमेरिका और जापान को चेतावनी दे रहा है। चीन का संदेश साफ है वो इन क्षेत्रों में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर भी हमला बोल सकता है।

चीन की घेराबंदी और उसके मायने
चीन ने ताइवान सीमा के पास दाखिल होने वाले रास्तों को कब्जे में ले रखा है। इससे युद्ध के हालात में चीन के सैनिकों को ताइवानी सैनिकों पर हमला करना बेहद आसान होगा। उधर चीनी ने ताइवान के प्रमुख बंदरगाहों के आसपास अपना जमावड़ा बना लिया है। इस किलेबंदी के जरिए चीनी सेना ताइवान के तीन बड़े सैन्य ठिकानों पर आसानी से हमला बोल सकती है।

आयात-निर्यात पर बुरा असर
दक्षिणी ताइवान की सीमा पर चीनी सेना का डेरा है। इससे चीन अगर सैन्य कार्रवाई करता है तो ताइवान की सेना या वहां के लोगों को क्षेत्र से भागने का मौका नहीं मिलेगा। अब चीन की सेना ने ताइवान से लगती समुद्री सीमा पर युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है इससे ताइवान की अर्थव्यवस्था के लिए अहम आयात-निर्यात पर बुरा असर पड़ रहा है।

अमेरिका को भी बड़ी क्षति होने की प्रबल संभावना
चीन द्वारा ताइवान की आर्थिक और सामरिक घेराबंदी से इन दोनों देशों के साथ प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका को भी बड़ा नुकसान होगा। अमेरिका के सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के वरिष्ठ सलाहकार मार्क कानसियन का कहना है कि दो देशों की लड़ाई में जब अमेरिका कूदेगा तो दुनिया की अर्थव्यवस्था पर इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। ऐसा रूस-यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद देखने को मिला था।

फिलहाल खतरे को भांप अमेरिका सतर्क
चीन के रणनीति को देख अमेरिका सतर्क हो गया है। चीन के थिंक टैंक साउथ चाइन सी स्ट्रैटजिक सिचुएशन प्रोबिंग इनीशिएटिव (एससीएसपीआई) के अनुसार चीन से लगती ताइवानी सीमा में अमेरिकी लड़ाकू और जासूसी विमानें को देखा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका हालात को देखते हुए जवाबी रणनीति के लिए ऐसा कर रहा है।

चीन के लड़ाकू विमान और युद्धपोत तैयार
ताइवान के रक्षा मंत्रालय की मानें तो चीन ताइवान की सीमा के आसपास 66 से अधिक लड़ाकू विमान और 14 युद्धपोत तैनात कर चुका है। चीन की इस तैयारी को देखते हुए ताइवान ने बड़ी संख्या में ड्रोन उतार रखे हैं जिससे वो समुद्री क्षेत्र में हो रही चीनी गतिविधियों पर नजर रख सके। दोनों देशों की सेनाएं आपात स्थिति को लेकर तैयारी में जुटी हैं।

तनाव बढ़ने से दुनिया पर पड़ेगा बुरा असर
आईएमएफ के अनुसार चीन की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। उत्पादन और कृषि क्षेत्र के साथ तकनीक की दुनिया में भी वो तेजी से आगे बढ़ रहा है। अगर चीन ताइवान में युद्ध होता है तो उसकी खुद की अर्थव्यवस्था भी चोटिल होगी। इसके अलावा दुनिया के सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देशों में रोजगार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com