दो खालिस्तानी आतंकियों कर अमृतसर में गिरफ्तारी से पाकिस्तान की पंजाब मेें खूनी खेल की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। पाकिेस्तान जम्मू-कश्मीर के बाद पंजाब को आंतकी आग में झाेंकना चाहता है। इन आतंकियों की गिरफ्तारी से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा पंजाब में तैयार किए गए बड़े आतंकी नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
बता दें के अमृतसर में खालिस्तानी आतंकी गुरमीत सिंह और विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से जर्मनी में बनी एक एमपी-5 सब-मशीन गन, एक नौ एमएम पिस्तौल, चार मैगजीन और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इन मोबाइल फोनों में पुलिस को संदिग्ध बातचीत व संदेशों के अलावा कुछ फोटो भी मिले।
पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि दोनों आतंकी अपने पाकिस्तानी आकाओं व हैंडलर्स के इशारे पर पंजाब में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में थे। आतंकियों से बरामद हुए मोबाइल फोनों से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के साथ संदिग्ध लेन-देन भी हुआ है। इनमें फोटो, वॉयस मैसेज और एक महत्वपूर्ण लोकेशन की जानकारी का आदान-प्रदान भी किया गया था।
मोबाइल फोन से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से किया संदिग्ध लेन-देन
गुरमीत सिंह के फोन से खालिस्तान के गठन के संबंध में किए गए पोस्ट व वेब-लिंक पाए गए हैं। इनसे पता चलता है कि गुरमीत पाकिस्तानी एजेंसी आइएसआइ व वहां बैठे भारत विरोधी तत्वों से लगातार संपर्क में था।
डीजीपी ने बताया कि हरमीत ने माना है कि उसके फोन में मिली संदिग्ध तस्वीरें और वॉयस मैसेज उसे पाकिस्तान स्थित हैंडलरों ने भेजे थे, जिनसे उसे आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विशेष स्थानों पर रखे गए हथियार एकत्रित करने को कहा गया था। पाकिस्तान स्थित हैंडलर, इन दोनों को पंजाब में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडऩे के लिए आतंकी हमले की हिदायत दे रहे थे। गुरमीत सिंह अपने आकाओं से मिलने करीब तीन साल पहले पाकिस्तान भी गया था। गु
मोबाइल लोकेशन बताएगी खालिस्तानी आतंकी गुरमीत कितनी बार बॉर्डर पर हथियार लेने पहुंचा
लश्कर-ए-तैयबा के पकड़े गए तीन आतंकियों के बाद दो खालिस्तानी आतंकियों की गिरफ्तार से बड़े संकेत मिले हैं। इससे आइएसआइ, पाकिस्तानी आतंकियों और खालिस्तानी आतंकियों के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। इन आतंकियों का मकसद आइएसआइ के इशारे पर पंजाब में टारगेट किलिंग करना और बड़े आतंकी हमले करना था।
पुलिस पता लगा रही है कि पकड़ा गया गुरमीत सिंह कितनी बार भारत-पाकिस्तान सीमा पर हथियारों की खेप लेने पहुंचा था। गुरमीत से पूछताछ की जा रही है, लेकिन पुलिस ने आरोपित के कब्जे से मिले मोबाइल की लोकेशन निकलवाने के आदेश दिए हैं। मोबाइल लोकेशन की डिटेल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियों को कई और सुराग हाथ लगने की संभावना है। गुरमीत के मोबाइल से पुलिस को वाट्सएप कॉलिंग, कॉल डिटेल्स, मैसेज और वॉयस रिकार्डिंग भी मिली है। इससे स्पष्ट है कि आरोपित आइएसआइ के साथ सीधे रूप से संपर्क में था।
पता लगाया जा रहा है कि गुरमीत और उसका साथी विक्रम किस षड्यंत्र को अंजाम देने की फिराक में थे। उनकी हिटलिस्ट में धार्मिक नेताओं के अलावा कितनी राजनीतिक हस्तियां शामिल हैं। अमृतसर देहात पुलिस ने आरोपितों के कुछ करीबियों को भी राउंडअप किया है।
यह पता लगाया जा रहा है कि गुरमीत सिंह के कितने करीबी पाकिस्तान जा चुके हैं। प्रत्येक की भूमिका को पुलिस संदेह से देख रही हैं। एसएसपी विक्रमजीत दुग्गल ने बताया कि जेल में बंद खालिस्तानी आतंकियों को जरूरत पडऩे पर प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए लाया जाएगा।