इस बार मानसून अब तक केरल नहीं पहुंचा है। पहले मौसम विभाग ने 4 जून को मानसून पहुंचने की भविष्यवाणी की थी। इसके बाद इसे बदलकर 7 जून कर दिया गया। अब मौसम विभाग का ही कहना है कि मानसून और भी लेट हो सकता है । मानसून के पहुंचने की कोई तारीख भी नहीं बताई गई। पहले बादलों और हवाओं की स्थिति से ऐसा लग रहा था कि 4 जून तक मानसून केरल पहुंच जाएगा लेकिन बाद में अरब सागर में बदलाव देखेने को मिला। अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से बादल कम हो गए।
आम तौर पर 1 जून को मानसून केरल पहुंच जाता है। यह तेजी से उत्तर की ओर बढ़ता है और 15 जुलाई तक पूरे भारत को कवर कर लेता है। 16 मई को मौसम विभाग ने भविष्यावाणी की थी कि मॉडल एरर 4 दिनों के साथ 4 जून को मानसून केरल पहुंच जाएगा। कहा गया था कि अब भी वेस्टरली विंड दक्षिण अरब सागर पर बह रही हैं। हालांकि साउथईस्ट में चक्रवात जैसा बन रहा है।
बीते 24 घंटे में केरल के तटों पर बादल कम हो गए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि बादल कम दबाव वाले क्षेत्र में इकट्ठा हो गए हैं। मौसम विभाग इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है कि कब बादल उत्तर की तरफ बढ़ते हैं और केरल में मानसूनी बारिश शुरू होती है। सोमवार को ही अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र बढ़ा है। मंगलवार शाम तक मौसम विभाग मानसून के बारे में अगली अपडेट देगा।
मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है कि 8 जून तक मानसून केरल पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि सारी कंडिशन ऐसी ही बन रही हैं कि 8 जून तक मानसून केरल पहुंच जाएगा। केरल में अच्छी बारिश देखी जाएगी। यह भी गौर करने वाली बात है कि मानसून देर से पहुंचन पर बारिश पर भी फर्क पड़ता है। पहले भी कहा जा रहा था कि अल नीनो की वजह से इस बार कम बारिश हो सकती है।