नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में अपने पैसे का निवेश करने वालों के लिए एक खुशखबरी है। पेंशन फंड की रेगुलेटरी संस्था पीएफआरडीए ने एनपीएस उपभोक्ताओं को उच्च शिक्षा लेने या नया बिजनेस चालू करने के लिए अपने निवेश में से कुछ हिस्सा निकालने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है। ये निर्णय पिछले सप्ताह पेंशन फंड और रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) की बोर्ड बैठक में लिया गया है।बता दें कि एनपीएस सरकार का मुख्य सोशल सिक्योरिटी प्रोग्राम है। इसका लाभ पीएफआरडीए से जुड़े 2.13 करोड़ उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिनका करीब 2.38 लाख करोड़ रुपया इन योजनाओं के जरिए मार्केट में निवेश किया गया है।
एनपीएस और अटल पेंशन योजना का संचालन करने वाली पीएफआरडीए ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी कर कहा, नए स्किल सीखने के इच्छुक एनपीएस उपभोक्ताओं को अब उच्च शिक्षा लेने, प्रोफेशनल या तकनीकी क्वाफिकेशन हासिल करने के लिए अपने निवेश में से कुछ हिस्सा निकालने की छूट मिलेगी। इससे पहले नया बिजनेस शुरू करने या नया बिजनेस अधिग्रहित करने के इच्छुक एनपीएस उपभोक्ताओं को ही अपने निवेश में से कुछ हिस्सा निकालने की छूट मिलती थी।
ये भी हुए फैसले
– निजी क्षेत्र के एनपीएस उपभोक्ता अब ‘सक्रिय विकल्प’ वर्ग में अपने निवेश का 75 प्रतिशत इक्विटी क्षेत्र में कर सकते हैं, पहले ये 50 प्रतिशत था
– 50 साल की उम्र तक ही मिलेगा इक्विटी में अपना निवेश बढ़ाने का उपभोक्ताओं को मौका
– कॉरपोरेट बांड में निवेश की रेटिंग को ‘एए’ से बदलकर ‘ए’ किया गया, पेंशन फंड के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगा ए-रेटिंग बांड में निवेश