वहीं, इकबाल अंसारी ने कहा कि जहां मस्जिद है, वहीं रहेगी। कोर्ट का फैसला ही अयोध्या और देश का मुसलमान मानेगा, अब सुलह की कोई बात नहीं होगी। बैठक में पहुंचे मुस्लिम धर्मगुरु हाजी एखलाक अहमद ने कहा कि बाबरी मस्जिद मसले में सुलह की बात अब कहीं नहीं होगी। मस्जिद की जमीन न छोड़ी जाएगी, न किसी को दी जाएगी, यह अयोध्या के मुसलमानों का फैसला है। बैठक में महफूज अहमद, मो. इरशाद, मो. दानिश, मो. इस्लाम, एहसान अली, मो. जाहिद, नौशाद आलम सहित बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे।
अभी-अभी: बाबरी मस्जिद को लेकर मुस्लिमों ने किया ये बड़ा ऐलान….
बाबरी मस्जिद के एक मुद्दई हाजी महबूब के आवास पर शनिवार को मुस्लिमों ने बैठक कर बड़ा फैसला लिया है। बैठक में मुस्लिम समाज ने तय किया है कि बाबरी मस्जिद की जमीन को छोड़ा नहीं जाएगा और न ही कहीं शिफ्ट किया जाएगा। जो लोग मस्जिद को देने व कहीं शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं, उन्हें अयोध्या के मुसलमान पूरी तरह से खारिज करते हैं। मुस्लिमों ने यह भी कहा कि अगर हिंदू भाई बाबरी मस्जिद की जगह छोड़कर मंदिर बनाते हैं तो कोई ऐतराज नहीं है। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम सभी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अलावा कोई अन्य रास्ता इस समस्या के समाधान का नहीं मानते हैं।शनिवार को अयोध्या बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाजी महबूब के घर मुस्लिम समाज की बैठक हुई, जिसमें मुस्लिम धर्मगुरु के साथ बाबरी मस्जिद के मुख्य मुद्दई इकबाल अंसारी भी शामिल हुए। बैठक में हाजी महबूब ने कहा कि हिंदू समाज को बाबरी मस्जिद की जगह छोड़कर मंदिर बनाना चाहिए, अब किसी तरह की सुलह की गुंजाइश नहीं है, नहीं तो सभी पक्ष अदालत का फैसला मानें।