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दलाल ने कहा कि 7 प्रतिशत ब्याज दर के फसली ऋण में 3 प्रतिशत केंद्र सरकार तथा 4 प्रतिशत मनोहर लाल सरकार वहन करेगी. इस तरह किसान को जीरो प्रतिशत पर ही फसल ऋण दिया जाएगा. देश के किसी भी राज्य में कृषि कर्ज 4 फीसदी से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी जमीन की उपयोगिता व आय के अनुसार वित्त प्रबंधन किस प्रकार से किया जाए, इसके लिए हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने 17,000 किसान मित्र लगाने का निर्णय लिया है, जो किसानों को वॉलंटियर्स के रूप में परामर्श देंगे.
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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि पिछले 6 वर्षों के दौरान केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने जितनी भी नई पहल की हैं, वे सब किसान हित में हैं. पिछले दो वर्षों से फसलों की बुआई शुरू होने से पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित कर दी जाती है. इससे किसान अपनी इच्छा के अनुसार फसल बोने का मन बना सकता है.
…तो भावांतर से भरपाई करेगी सरकार
दलाल कहा कि अभी हाल ही में केंद्र सरकार जो कृषि अध्यादेश (Agricultural ordinance) लाई है वे सब किसान हित में हैं. इससे अगर किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से भी अधिक दाम मंडियों से बाहर मिलता है तो वह फसल बेच सकता है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तो सरकार खरीदेगी ही अन्यथा भावांतर भरपाई योजना में फसल के भाव के अन्तराल को पूरा किया जाएगा.
पशुपालन से भी आय बढ़ाने की कोशिश
दलाल ने कहा कि कृषि के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय से भी किसान की आय बढ़े इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशु क्रेडिट कार्ड योजना लागू की गई है. अब तक 1,40,000 पशुपालकों के फार्म भरवाए जा चुके हैं.