अब युवा खिलाड़ियों को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट है अनिवार्य, नहीं तो कॅरिअर में आएगी बाधा

रैंकिंग और दूसरे बड़े खेल टूर्नामेंट में भाग लेने से पहले युवा खिलाड़ियों को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से देना पड़ेगा। हरियाणा के कई खेल संघों ने 2010 या इसके बाद जन्में बच्चों के लिए राज्यस्तरीय टूर्नामेंट में भाग लेने से पहले वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जमा करवाना अनिवार्य कर दिया है।

बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए उनके जन्म से लेकर 16 साल की उम्र तक कुछ टीके लगवाने जरूरी हैं। सरकार की ओर से ये टीके निशुल्क लगाए जाते हैं। इसके लिए अस्पताल से एक चार्ट माता-पिता को दिया जाता है, जिसमें लिखा रहता है कि कब और कौन सा टीका लगा है। यही टीका प्रमाणपत्र (वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट) अब बड़े खेल टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए की जाने वाली उम्र की हेराफेरी रोकने के काम आएगा।

जिन खिलाड़ियों का जन्म साल 2010 या इसके बाद हुआ है, उनके लिए राज्यस्तरीय टूर्नामेंट में भाग लेने से पहले वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जमा करवाना हरियाणा के कई खेल संघों ने अनिवार्य कर दिया है। एक शपथ पत्र भी देना होगा कि यह प्रमाणपत्र सही है। इसके साथ ही नौकरियों के लिए किए जाने वाले आवेदन या दस्तावेज के सत्यापन में अभ्यर्थी की उम्र को लेकर शक होने पर भी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के जरिए सत्य का पता लगाने की तैयारी की जा रही है।

राज्य से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग स्पर्धाओं में विभिन्न आयु वर्ग के मुकाबले होते हैं। कभी चोट तो तभी किसी दूसरे कारणों से कई खिलाड़ी अंडर-17 और अंडर-21 जैसे महत्वपूर्ण मुकाबलों में भाग नहीं ले पाते हैं। इससे उनके भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग जाता है। ऐसे में कई युवा दूसरे राज्यों से दूसरा जन्म प्रमाणपत्र बनवाकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत करते हैं।

बाद में उनकी शिकायत होने पर खेल संघ और विभागों को कानूनी पचड़ों से जूझना पड़ता है, इसीलिए आम सहमति से खेल संघों ने राज्य स्तर पर किसी खेल स्पर्धा या रैंकिंग टूर्नामेंट में भाग लेने वाले युवाओं से वैक्सीनेशन का प्रमाण शपथपत्र के साथ मांगना शुरू कर दिया है।

हमारे जिले के बच्चों को राज्य स्तर पर खेलने जाना है। जिला संघ ने टीम के नाम भेज दिए हैं। बैडमिंटन संघ की स्टेट बॉडी से बताया गया है कि 2010 के बाद जन्म लेने वाले शटलर्स को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और शपथपत्र देना पड़ेगा। इसी के बाद उन्हें स्टेट में खेलने की अनुमति मिलेगी। कहा जा रहा है कि आदेश ऊपर से है, इसलिए सर्टिफेकेट देना जरूरी है। -उम्मेद शर्मा, जनरल सेक्रेटरी, जिला बैडमिंटन संघ, रोहतक

ये टीके बता देंगे उम्र
हेपेटाइटिस बी का टीका बच्चे के जन्म से 24 घंटे के अंदर लगवाना होता है। बीसीजी का टीका जन्म से 1 साल के अंदर लगना जरूरी है। पेंटावैलेंट और रोटावायरस का टीका 1 साल के अंदर लगाया जाता है। जेई-1 की डोज 9 महीने से 12 महीने के अंदर दे देनी जरूरी है। इससे स्पष्ट टीका लगने का प्रमाणपत्र यह बता देगा कि खिलाड़ी किस आयु वर्ग में खेलने के लिए पात्र है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com