नई दिल्ली| देश में इस साल रिकॉर्ड खाद्यान उत्पादन होने के अनुमानों के बीच भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने कहा है कि अनाज रखने के लिये जगह की कोई कमी नहीं है और उसकी कुल भंडारण क्षमता 773 लाख टन तक पहुंच चुकी है. एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुये कहा कि अनाज खरीद के लिये धन की भी कोई कमी नहीं है और पर्याप्त कोष उपलब्ध है.
खाद्य मंत्रालय ने अप्रैल से शुरू रबी मार्केटिंग वर्ष 2017-18 के दौरान 330 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है जबकि पिछले साल 2015-16 में 229.61 लाख टन खरीद की गई थी. एफसीआई एवं राज्यों की विभिन्न एजेंसियों ने चालू विपणन सत्र में 15 मई तक लगभग 278.01 लाख टन गेहूं खरीद कर ली है.
रबी मौसम का मार्केटिंग सत्र अप्रैल से शुरू होकर मार्च तक होता है लेकिन मुख्य तौर पर खरीद कार्यक्रम लगभग जून में ही पूरा हो जाता है. इसी प्रकार खरीफ मौसम का मार्केटिंग सत्र अक्टूबर से शुरू होकर अगले साल सितंबर तक चलता है.
अधिकारी ने बातचीत में कहा कि देश में अनाज भंडारण सुविधा की कोई कमी नहीं है. एफसीआई तथा राज्य सरकार की एजेंसियों की कुल भंडारण क्षमता मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में 772.93 लाख टन तक पहुंच गई है. इन भंडारण सुविधाओं में एफसीआई के खुद के गोदामों और अन्य भंडारण सुविधाओं के साथ राज्यों की सरकारी एजेंसियों के भंडारगृह शामिल हैं. एफसीआई के अनुसार कुछ भंडार गृह किराये पर भी लिये गये हैं जिनकी कुल क्षमता 198.50 लाख टन है
एफसीआई आंकड़ों के मुताबिक खरीफ मार्केटिंग वर्ष 2016-17 (अक्टूबर-सितंबर) में 15 मई तक चावल की खरीद 359.24 लाख टन हो चुकी है जो इससे पिछले मार्केटिंग सत्र में 342.18 लाख टन थी. इसके अलावा निगम ने सरकार के 20 लाख टन दलहन बफर स्टाक के लिये पिछले खरीफ सत्र में लगभग 3 लाख टन दाल की भी खरीद की. अनाज की खरीद के लिये कोष के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि कोष को लेकर पहले कुछ समस्या जरूर हुई थी लेकिन अब कोई कमी नहीं है.
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 के आखिर में हमें सरकार से 45,000 करोड़ रुपये का कर्ज ट्रेजरी बिलों की दर पर मिला है. यह कर्ज हमें 5 साल के लिये दिया गया है. अनाज सड़ने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने दावा किया कि इस प्रकार की रिपोर्ट सही जानकारी नहीं होने के कारण आती हैं. हमारे जो भी गोदाम और भंडारण सुविधाएं हैं वहां अनाज का रखरखाव उम्दा तरीके से होता है और ऐसे में सड़ने की बात पूरी तरह गलत है.
उल्लेखनीय है कि सरकार के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई-जून)में कुल खाद्यान उत्पादन रिकॉर्ड 27.34 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो 2015-16 में 25.16 करोड़ टन था. इसमें चावल 10.91 करोड़ टन जबकि गेहूं 9.74 करोड़ टन रहने का अनुमान है.