पाकिस्तान पर किया गया एयर स्ट्राइक पीएम मोदी द्वारा लिया गया एक दृढ़ और साहिसक निर्णय था. लेकिन पाक पीएम इमरान खान अगर अब भी आतंकवाद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते तो पीएम मोदी का अगला एक्शन वाजिब हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि साल 1971 के बाद से अब तक ऐसा कोई स्ट्राइक नहीं हुआ था और पाकिस्तान जिस तरह का देश है उसे देखते हुए ऐसा निर्णय आसान नहीं था. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया था कि यदि भारत पुलवामा हमले के बारे में ‘कार्रवाई लायक खुफिया जानकारी’ देता है तो वह ‘तत्काल कार्रवाई’ करेंगे. इमरान अब अगर ऐसा नहीं करते तो अगले दिनों में पीएम मोदी द्वारा पाकिस्तान में पलने वाले जैश जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को न्यायोचित ही कहा जाएगा.’
उन्होंने कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक का निर्णय कर अपना सबसे कठिन विकल्प चुना है. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान ऐसा बौना लोकतंत्र है जो बर्बादी की कगार पर है. वह सेना के अंतर्विरोधों से संचालित हो रहा है. हर बार वे हमें परमाणु हमले की धमकी देते रहे हैं. लेकिन पीएम मोदी ने उनकी हेकड़ी को खत्म किया है. भारत ने यह ध्यान रखा कि पाकिस्तान में ‘गैर सैन्य पूर्व रक्षात्मक स्ट्राइक’ किया जाए और भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंच कर राजनयिक तरीके से इस मसले को हल करने की कोशिश भी की. लेकिन जिस तरह का माहौल बनाया गया उसकी वजह से हमें एलओसी पर हवाई जंग में उलझना ही पड़ा.’
उन्होंने कहा कि आज भी हालात खराब ही हैं, क्योंकि दावे और प्रतिदावे किए जा रहे हैं. दोनों पक्ष एक दूसरे पर दुष्प्रचार और भ्रामक बयानबाजी का आरोप लगा रहे हैं. इन सब में वास्तव में सच हलाक हो रहा है.
दो परमाणु संपन्न देशों में खतरनाक टकराव नियंत्रण से बाहर जा सकता था. लेकिन इसी बीच पाकिस्तान की तरफ से बयान आया कि चलो बात करते हैं. भारत का पक्ष यही है कि जब तक पाकिस्तान आतंकी ढांचों को नष्ट करने के बारे में पर्याप्त प्रमाण नहीं देता, तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती. यह बिल्कुल सही भी है. तो दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव और बढ़ सकता था. अच्छी बात यह है कि पाकिस्तान ने हमारे दिलेर विंग कमांडर वी. अभिनंदन को वापस भेजने का फैसला किया है, वह आज देश लौट आएंगे. भारत ने पाकिस्तान को एक डोजियर भी सौंपा है, जिसमें पुलवामा हमले में जैश की भागीदारी के बारे में सबूत हैं और पाकिस्तान में संचालित हो रहे उसके आतंकी अड्डों की भी जानकारी है.