अब असम में विकास ही पहली और आखिरी प्राथमिकता होगी PM मोदी

मैं आज असम के साथियों को आश्वस्त करने आया हूं कि असम विरोधी, देश विरोधी हर मानसिकता और इसके समर्थकों को देश न बर्दाश्त करेगा और न माफ करेगा। यही ताकतें हैं जो पूरी ताकत से असम और नॉर्थ ईस्ट में भी अफवाहें फैला रही हैं कि सीएए से यहां बाहर के लोग आ जाएंगे, बाहर से लोग आकर बस जाएंगे। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि ऐसा भी कुछ नहीं होगा।

समझौते से अलगाव, लगाव में बदला है। जिस नॉर्थ ईस्ट में हिंसा की वजह से हजारों लोग अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए थे, अब यहां उन लोगों को पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ बसने की नई सुविधाएं दी जा रही हैं। किसी ने पूर्वोत्तर की समस्याओं का समाधान नहीं किया और अशांति को जारी रहने दिया, इस वजह से क्षेत्र के लोग अलग-थलग हो गए और उन्होंने संविधान में विश्वास खो दिया।
पहले नॉर्थ ईस्ट में उद्यमी निवेश के लिए तैयार नहीं होता था, वहां निवेश शुरू हुआ है। जिस नॉर्थ ईस्ट में अपने-अपने होमलैंड को लेकर हिंसा होती थीं, अब यहां एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत हुई है। ब्रू-रियांग समुदाय को बसाने के लिए एक विशेष पैकेज दिया जाएगा।
ब्रू-रियांग समुदाय का संकट का एक ऐतिहासिक समझौते से कुछ दिन पहले ही समाधान किया गया था। इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हजारों परिवारों के पास अपने घर होंगे। यह पीछले ढाई दशकों से चली आ रही समस्या का अंत लाएगा।
बोडो टेरिटोरियल काउंसिल, असम सरकार और केंद्र सरकार, अब साथ मिलकर, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को नया आयाम देंगे। इससे असम भी सशक्त होगा और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना भी और मजबूत होगी। 21वीं सदी का भारत अब ये दृढ़ निश्चय कर चुका है कि हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है। आज देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है।
अकॉर्ड के तहत बीटीएडी में आने वाले क्षेत्र की सीमा तय करने के लिए कमीशन भी बनाया जाएगा। इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपये का स्पेशल डेवलपमेंट पैकेज मिलेगा, जिसका बहुत बड़ा लाभ कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदालगुड़ि जैसे जिलों को मिलेगा।

आज जब बोडो क्षेत्र में, नई उम्मीदों, नए सपनों, नए हौसले का संचार हुआ है, तो आप सभी की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। मुझे पूरा विश्वास है कि ‘बोडो टेरीटोरियल कॉउंसिल’ अब यहां के हर समाज को साथ लेकर, विकास का एक नया मॉडल विकसित करेगी।

समझौते में इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपये का स्पेशल विकास पैकेज मिलेगा। इससे बोडो जनजाति के हर अधिकार, भाषा, संस्कृति का विकास सुनिश्चित होगा। बोडो टेरिटेरियल काउंसिल का दायरा बढ़ाकर अधिक सशक्त किया गया है। इस समझौते में सबकी जीत हुई है, शांति की जीत हुई है, मानवता की जीत हुई है।

अब केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडो आंदोलन से जुड़े संगठनों ने जिस ऐतिहासिक अकॉर्ड पर सहमति जताई है, जिस पर साइन किया है, उसके बाद अब कोई मांग नहीं बची है और अब विकास ही पहली और आखिरी प्राथमिकता है।

अब सरकार का प्रयास है कि असम अकॉर्ड की धारा-6 को भी जल्द से जल्द लागू किया जाए। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले से जुड़ी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार और त्वरित गति से कार्रवाई करेगी।

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