इस साल के अंत में होने वाले पहले मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम (गगनयान) की शुरुआत के मद्देनजर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा अंतरिक्ष की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक रोबोट (ह्यूमनॉइड मॉडल, जो मानव की तरह दिखने वाला होगा) को भेजा जाएगा, जिसे ‘व्योममित्र’ नाम दिया गया है।

इसे 2022 में होने वाले गगनयान मिशन से पहले रवाना किया जाएगा। गगनयान मिशन में किसी भी महिला को नहीं भेजा जा रहा है, इसलिए इस रोबोट को एक महिला के रूप भेजा जा रहा है। इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने बताया कि यह एक मानव की तरह कार्य करेगा और हमें वापस रिपोर्ट भेजेगा। फिलहाल, हम इसे एक प्रयोग के रूप में कर रहे हैं।
इस रोबोट को व्योममित्र नाम दिया गया है। यह कई सारे कार्यों को सक्षम हैं, साथ ही दो भाषाएं भी बोलती है। इसरो प्रमुख के सिवन ने पिछले साल कहा था कि यह रोबोट पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा था कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह मिशन मनुष्यों को भेजने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की हमारी क्षमता को प्रदर्शित करने से परे कई उद्देश्यों को पूरा करें।
इसरो प्रमुख ने कहा था कि वास्तिवक रूप से भेजे जाने वाले गगनयान मिशन से पहले होने वाले दो मानव रहित उड़ानों में इस रोबोट को भेजेगा। उन्होंने कहा था कि हमारा रोबोट एक मानव की तरह होगा जो एक मानव की तरह लगभग सभी कार्य करने में सक्षम होगा, हालांकि यह कार्यों को इंसानों की तरह बड़े पैमाने पर नहीं कर सकता है।
उन्होंने आगे कहा था कि हम यह बताना चाहते हैं कि पहली उड़ान भी खाली नहीं जाएगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि हम इस अवसर का अधिकतम उपयोग करें। हमारे पास अपना खुद का रोबोट (ह्यूमनॉइड मॉडल) है जिसका उपयोग किया जाएगा।
सिवन ने एक जनवरी 2020 को कहा था कि इसरो ने अपने सिस्टम की मानव रेटिंग के साथ प्रगति की है, जिसमें प्रोपल्शन सिस्टम और क्रू एस्केप मॉड्यूल सहित अन्य चीजें शामिल हैं। सिवन ने कहा कि इस वर्ष के लिए योजनाबद्ध मानवरहित उड़ान से पहले कई प्रणालियों का परीक्षण करने की आवश्यकता होगी। इन परीक्षणों में क्रू एस्केप मॉड्यूल के तहत एयर-ड्रॉप परीक्षण होगा और साथ ही हम चालक दल के प्रशिक्षण को भी शुरू करेंगे।