रिश्ता चाहे कोई भी हो, इसकी डोर बेहद नाजुक होती है और इसे न सिर्फ टूटने से बल्कि इसमें गांठ पडने से भी बचाना जरूरी होता है और बात जब पति-पत्नी जैसे अहम्र रिश्ते की हो, तो यह डोर और भी नाजुक हो जाती है। एक बार प़डी गांठ कभी नहीं खुलती, हमेशा की तकलीफ का सबब बन जाती है। इस तकलीफ से बचने का एक तरीका ये है कि कुछ राज की बातें हमेशा अपने सीने में ही दफन रखें, उन्हें अपने पति से कभी शेयर न करें।
अतीत का इश्क: कई बार जिंदगी ऎसे रंग भी दिखाती है कि जिससे आपने प्यार किया, उससे शादी नहीं हुई। ऎसे में अपने मंगेतर या पति से अतीत के राज बताने या छुपाने की जद्दोजहद खडी होती है। इस कशमकश में न पडें। बीता हुआ वक्त वापस नहीं आता और अतीत मुर्दे के समान होता है।
कारोबारी राज: आप एक कामकाजी महिला हैं तो निश्चित रूप से कुछ कारोबारी राज भी आपके पास होंगे। एक प्रोफेशनल को अपने-अपने काम की गोपनीय बातों को अपने तक ही रखें, पति से शेयर न करें।
अलगाव की स्थिति: अपने पीआईएन नंबर या पासवर्ड एक-दूसरे को बताने में कोई तकलीफ नहीं है। आपको अपने साथी पर पूरी तरह विश्वास है, फिर भी कुछ कॉन्फिडेंशियल चीजें सिर्फ अपने तक ही रहनी चाहिए।
प्रभावित होते आपसी रिश्ते: अगर आपको लगता है कि अपने पति/मंगेतर की नजर में आप तो अच्छी-भली हैं, इसलिए आपके दोस्तों की जिंदगी के रहस्यों से आप दोनों पर भला क्या असर पडेगा। तो आप गलत हैं। ऎसा कभी न करें। इससे आपके पति/मंगेतर की नजर में खुद आपका सम्मान घट सकता है जिसका असर आप दोनों के आपसी रिश्ते पर पडेगा।
राज ही रहें परिवार के राज: इस तकलीफ से बचने और अपने रिश्ते को ऎसी खरोंच लगने से बचाने का तरीका यही है कि आप इस बात को समझें कि हर परिवार के कुछ अपने रहस्य होते हैं जिन्हें राज ही रहने दिया जाता है। आप दो परिवारों के बीच की एक कडी हैं और आपको दोनों परिवारों की राज की बातों को अलग-अलग ही रखना है।
पति के दोस्त की तारीफ न करें: पति या मंगेतर के किसी दोस्त की तारीफ का वे एक ही अर्थ लेते हैं कि कहीं आप उनके दोस्त के प्रति आकर्षित तो नहीं है! यह उन्हें असुरक्षित और कमतरी का एहसास कराता है जो आपके वैवाहिक जीवन के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।