पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों का बचाव करने को लेकर राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार निशाने पर आ गए हैं। पवार ने देखमुख का बचाव करते हुए कहा था कि चिट्टी में जिस वक्त का जिक्र किया है, उस वक्त अनिल देशमुख बीमार थे। उनके इस दावे की पोल खोलने वाला एक और दस्तावेज इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक दस्तावेज के मुताबिक, 15 फरवरी को गृह मंत्री अनिल देशमुख ने प्राइवेट प्लेन से नागपुर से मुंबई तक की यात्रा की थी। ट्रेवल हिस्ट्री बताते हुए जो डॉक्यूमेंट शेयर किया जा रहा है, वह नागपुर एयरपोर्ट का है। इसके मुताबिक, 15 फरवरी को अनिल देशमुख प्राइवेट प्लेन से मुंबई गए थे।
शरद पवार ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गृह मंत्री अनिल देशमुख का बचाव किया था। शरद पवार ने कहा था कि देशमुख 5 से 15 फरवरी तक कोरोना संक्रमित होने की वजह से अस्पताल में भर्ती थे, ऐसे में क्राइम ब्रांच के निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से उनकी मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता है। पवार ने कहा कि देशमुख और वाजे की मुलाकात को लेकर परमबीर सिंह के आरोप पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह जांच की दिशा को भटकाने के लिए इस तरह के गलत आरोप लगा रहे हैं।
शरद पवार के इस बयान पर भाजपा आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने अनिल देशमुख का 15 फरवरी का एक ट्वीट शेयर किया। इसके साथ मालवीय ने लिखा, शरद पवार ने दावा किया है कि अनिल देशमुख 5-15 फरवरी अस्पताल में भर्ती थे और 16-27 फरवरी क्वांरटीन थे, लेकिन 15 फरवरी को अनिल देशमुख ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया था। कितना बड़ा झूठ फैलाया जा रहा है।
अमित मालवीय ने एक वीडिया साझा कर अस्पताल में होने के तथ्य पर सवाल उठाए। इसके बाद अनिल देशमुख ने भाजपा के आरोपों पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि भाजपा झूठ फैला रही है। उन्होंने कहा, ”मैं पहली बार 28 तारीख को अपने घर से बाहर निकला था। मैं 15 से 27 होम क्वारेंटीन था और उससे पहले 5 से 15 फरवरी तक अस्पताल में भर्ती था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो को लेकर देशमुख ने कहा कि 15 फरवरी को घर वापस लौटते वक्त अस्पताल के गेट पर ही कुछ पत्रकार मेरा इंतजार कर रहे थे। मैं उस दिन कमजोरी महसूस कर रहा था। इसलिए एक कुर्सी पर बैठ गया था और मीडिया के सवालों का जवाब दिया था। इसके बाद मैं सीधा अपनी कार में जाकर बैठ गया और घर चला गया।
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर 25 फरवरी को जिलेटिन की छड़ों से लदी एक स्कॉर्पियो मिली थी। इस स्कॉर्पियो के मालिक कथित तौर पर कारोबारी मनसुख हिरेन थे। बाद में मनसुख का ठाणे के क्रीक में शव मिला था। इस मामले को लेकर हंगामा मचने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एंटीलिया मामले और मनसुख हिरेन की जांच एनआईए को सौंप दी थी। इस मामले में एनआईए ने मुंबई क्राइम ब्रॉन्च के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को को गिरफ्तार किया। बाद में वाजे को हिरेन की हत्या मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया। बाद में इस मामले में पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और सट्टेबाज नरेश गौर को भी गिरफ्तार किया।
इस मामले में राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को पद से हटा दिया। इसके बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की उगाही कराने का सनसनीखेज आरोप लगाया। इससे महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मच गया। विपक्षी पार्टियां देशमुख के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हैं। वहीं सोमवार को संसद के दोनों सदनों में इस मामले को लेकर जमकर हंगामा भी हुआ।