अब उत्तराखंड आने वाले सभी लोग बॉर्डर पर भी आरटी-पीसीआर कोरोना टेस्ट कर सकेंगे। इस संबंध में आज गाइडलाइन भी जारी कर दी गई। इसके लिए उन्हें खुद भुगतान करना होगा।
बता दें कि इससे पहले शासन ने अनलॉक-4 की मानक संचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी कर दी थी। इसके मुताबिक अब प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के लिए दो हजार की तय सीमा हटा दी गई थी। हालांकि, प्रवेश के लिए पंजीकरण अनिवार्य रखा गया है। कोरोना के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील (हाई लोड) शहरों से आने वाले व्यक्तियों को सात दिन का संस्थागत और इतने ही दिन होम क्वारंटाइन में रहने के नियम का पालन करना होगा। ऐसे शहरों से आने वाले उन व्यक्तियों को क्वारंटाइन से छूट मिलेगी, जिन्होंने आने से 96 घंटे पहले तक की अवधि में कोरोना टेस्ट कराया है और उनकी रिपोर्ट नेगिटिव आई है। पहले यह अवधि 72 घंटे निर्धारित की गई थी।
इसी क्रम में मुख्य सचिव और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश की ओर से शुक्रवार को जारी नई गाइडलाइन में उत्तराखंड आने वाले लोगों को बॉर्डर चेक पोस्ट पर कोविड टेस्ट कराने का विकल्प दिया गया है। इसके लिए उन्हें खुद भुगतान करना होगा। यदि उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो यह संबंधित जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी कि स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर एमओएचएफडब्ल्यू और राज्य सरकार की ओर से निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन कराए।
लक्षण नहीं तो गर्भवतियों को भी होम आइसोलेशन
शासन ने अब लक्षण रहित कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को भी होम आइसोलेशन की अनुमति प्रदान कर दी है। प्रदेश सरकार ने गत एक सितंबर को कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग व 10 साल से कम उम्र के बच्चों को होम आइसोलेशन की सुविधा दे दी गई थी।