गुजरात के कच्छ में स्थित अदाणी अस्पताल में बीते पांच माह में 111 बच्चों की मौत से ह़़डकंप मच गया है। जिला कलेक्टर रैम्या मोहन से अस्पताल प्रशासन से बच्चों की मौत का कारण जानना चाहा है। वहीं अस्पताल प्रशासन बच्चों की मौत से साफ पल्ला झाड़ रहा है। बीते 13 दिन में 26 बच्चों की मौत के चलते अस्पताल प्रशासन की पोल खुल गई जिसके चलते अब राज्य सरकार पर भी दबाव है।
बता दें कि गुजरात में विनाशकारी भूकंप के बाद बने जनरल अस्पताल को संचालन के लिए राज्य सरकार ने अदाणी समूह को सौंप दिया था। कच्छ में अदाणी समूह बच्चों की मौत को लेकर घिर गया है। इस अस्पताल में सौ से ऊपर बच्चों की मौत हो चुकी है लेकिन अस्पताल के निदेशक इन मौतों की जिम्मेदारी लेने के बजाए जवाबदेही से बचने का प्रयास कर रहे हैं।
गुजरात अदाणी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में वर्ष 2018 में 111 बच्चों की मौत से पहले भी वर्ष 2017 में 258, वर्ष 2016 में 87 तथा वर्ष 2015 में 88 बच्चों की मौत हो गई थी। इन बच्चों की मौत के कारण अलग–अलग हैं। फिलहाल अदाणी अस्पताल के निदेशक ज्ञानेश्वर राव कहते हैं कि बच्चों की मौत के लिए उनके अस्पताल के डॉक्टर या प्रशासन जिम्मेदार नहीं है। कच्छ भुज जिला कलेक्टर रैम्या मोहन ने गुजरात अदाणी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज से बच्चों की मौत पर रिपोर्ट मांगी है। मृत बच्चों के परिजन सीधे तौर पर बच्चों की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार बता रहे हैं लेकिन सरकार जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।