दुनिया कई ऐसे हिस्से जहां की परंपराएं, रितियां और रिवाज हमें नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर देते हैं। मजबूरी के नाम पर यहां मनमाने काम किए जाते हैं। महिलाओं से न सिर्फ उनका अधिकार छीना जाता है बल्कि उनके दामन पर गहरे जख्म भी दे दिए जाते हैं। आज हम जिस परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं उसे जानने के बाद आपको गुस्सा भी आ सकता है।
यह जानकर हैरानी होगी कि यह समुदाय देश के किसी कोने में नहीं बल्कि राजधानी के अंतर्गत रहता है। जी हां, यहां बात हो रही है दिल्ली एनसीआर के नजफगढ़, प्रेमनगर और धर्मशाला में रहना वाले परना समुदाय की। परना समुदाय के लोग देह व्यापार की परंपरा को काफी समय से निभाते आ रहे हैं।
इस गांव में लड़की के पैदा होने पर जश्न मनाया जाता है। लड़कियां जब तक कुंवारी रहती हैं तब बेटी के परिवार वाले इसे बेच देते हैं और शादी के बाद पत्नी की कमाई पर उसके पति का हक होता है। लिहाजा कई ऐसे परिवार हैं जहां पति ही अपनी पत्नी के लिए ग्राहक तलाश करता है और उसे लाकर देता है।
यहां पर लड़कियों को छोटी कक्षाओं तक पढ़ाई की अनुमति दी जाती है। जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही उन्हें हैवानों के हाथ बेच दिया जाता है। यदि कोई लड़की देह व्यापार के दल-दल में उतरने से इनकार कर देती है तो उसको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस घिनौने काम में उतरने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्हें हर रोज कम से कम 5 अजनबियों के साथ सोना पड़ता है। कई बार पुलिस पकड़ लेती है तो वह भी उनके साथ हैवानियत ही करती है।
यहां की लड़कियों की शादी से पहले उन्हें पंचायत में लाया जाता है। खूबसूरती के हिसाब से उनके दाम तय होते हैं।