अगस्त में विकास की राह पर भारत का प्रमुख सेवा उद्योग, कोरोना काल में तेज गति से विस्तार

नई दिल्ली, भारत का प्रमुख सेवा उद्योग अगस्त में विकास की राह पर है, महामारी शुरू होने के बाद से यह इसकी सबसे तेज गति से विस्तार है। दरअसल, टीकाकरण में वृद्धि से कारोबार फिर से खुल गया है, लेकिन कंपनियों में नौकरियों में कटौती का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को एक सर्वेक्षण में यह बातें सामने आईं। COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव के बावजूद जून तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि रिकॉर्ड 20.1% तक पहुंच गई, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि रिकवरी को जारी रखने के लिए टीकाकरण जरूरी है।

IHS Markit Services PMI अगस्त में बढ़कर 56.7 हो गया। मार्च 2020 में देश में महामारी के बाद से यह इसकी सबसे मजबूत गति है। तीन महीने से यह 50 से नीचे था और जुलाई में 45.4 था।

IHS Markit की इकोनॉमिक्‍स एसोसिएट डायरेक्‍टर पॉलियामा डी लीमा ने कहा कि कई बिजनेस के फिर से खुलने और वैक्सीन कवरेज बढ़ने के कारण ग्राहकों के विश्वास में सुधार के कारण भारतीय सेवा क्षेत्र ने अगस्त में वापसी की है। उन्होंने कहा कि सर्विस प्रोवाइडर एक उज्‍ज्‍वल नजरिये की उम्मीद करते हैं। फर्मों ने संकेत दिया है कि अगर कोरोना से जुड़े नियम कायदे माने जाएं तो आने वाली लहरों से बचा जा सकता है और आर्थिक सुधार को बनाए रखा जा सकता है।

कुल मिलाकर नए ऑर्डर जनवरी 2013 के बाद से सबसे तेजी से बढ़े हैं। हालांकि, नए निर्यात ऑर्डर में गिरावट जारी रही। लेकिन श्रम बाजार में कमजोरी को देखते हुए रोजगार में लगातार नौवें महीने कमी देखी गई। सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि महंगाई कुछ समय के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के 4% के मध्यम अवधि के लक्ष्य से आगे रह सकती है। विश्लेषकों का मानना ​​है कि आने वाले महीनों में केंद्रीय बैंक की नीति सरल रहेगी, क्योंकि RBI का ध्यान फिलहाल आर्थिक विकास पर अधिक है।

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