हिंदू धर्म में मनुष्य के जीवन से जुड़ी कई सारी बाते बताई गई हैं और उनका जिक्र गरुड़ पुराण में भी किया गया है. ऐसे में उन सभी बातों का पालन करने से मनुष्य के मान सम्मान, सुख समृद्धि में वृद्धि होने लगती है और वह सफल होना शुरू हो जाता है. ऐसे में गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मनुष्य को कुछ कामों को करने से बचना भी चाहिए। जी हाँ, अगर मनुष्य कुछ नीच कामों को करते हैं तो उनके जीवन में परेशानियां बढ़ना शुरू हो जाती हैं और वह असफलता की तरफ बढ़ने लगते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वो कौन से कार्य हैं जिन्हें मनुष्य को नहीं करना चाहिए और इनके बारे में गरुड़ पुराण में बताया गया है.
* आप सभी इस बात से वाकिफ होंगे कि कई लोगो के स्वभाव में किसी मनुष्य को दान देने या पैसे उधार बांटने की आदत होती हैं और ऐसे लोग कम आय होने पर भी दूसरों को दान या फिर पैसे देते रहते हैं. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अपने इस स्वभाव से लोग हमेशा ही दुखी रहते हैं. जी दरअसल हिंदू धर्म शास्त्रों में कहा गया हैं कि मनुष्य को हमेशा ही अपने सामर्थ्य के मुताबिक ही दान करना चाहिए, और अगर वह नहीं कर सकता तो उसे नहीं करना चाहिए.
* गरुड़ पुराण में लिखा हुआ है कि जिन माता पिता के संस्कारी संतान नहीं होती हैं उन्हें अपनी संतान की वजह से समाज में अपमानित होना पड़ता हैं. इसी के कारण माता पिता को अपनी संतान को अच्छे संस्कार की शिक्षा देना चाहिए ताकि समाज में मान सम्मान मिलता रहे. इसी के साथ जो मनुष्य गलत लोगो की संगत में रहते हैं उन्हें कभी भी मान सम्मान नहीं मिलता हैं. कहा जाता है इस वजह से कभी भी बुरे आचरण करने वाले और अधर्मी लोगो की संगत में नहीं बैठना चाहिए.
* गरुड़ पुराण में लिखा है जो मनुष्य दूसरों का बुरा सोचता हो उसे कभी भी समाज में मान सम्मान नहीं मिलता हैं और अपने फायदे के लिए दूसरों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.