व्यक्ति के मनोभाव में अचानक से व्यापक बदलाव आना मूड स्विंग कहलाता है। आसान शब्दों में कहें तो मूड स्विंग की वजह से व्यक्ति के मनोभाव में अचानक बदलाव आता है। इस स्थिति में व्यक्ति पल में खुश और अगले पल उदास हो जाता है। कई मामलों में मूड स्विंग परिस्थति के अनुसार होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो मूड स्विंग होने से व्यक्ति में चिड़चिड़ापन आने लगता है। उसकी मन स्थिति ठीक नहीं रहती है। वह असहज महसूस करने लगता है। ऐसे व्यक्ति में आत्मविश्वास की भी कमी आ जाती है। अगर आप भी मूड स्विंग की समस्या से परेशान हैं, तो ये आसान टिप्स जरूर फॉलो करें। आइए जानते हैं-
मूड स्विंग के लक्षण
-बेचैनी
-नींद न आना
-घबराहट
-आत्मविश्वास में कमी
– असहज महसूस करना
-भ्रम
-उदास रहना
-थकान
-चिड़चिड़ापन
मूड स्विंग के कारण
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो माहवारी के दिनों में महिलाओं और लड़कियों में मूड स्विंग अधिक देखा जाता है। शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के अचानक से बढ़ने और घटने की वजह से लड़कियों को मूड स्विंग की समस्या होती है। इसके अलावा, प्रेगनेंसी यानी गर्भावस्था, तनाव, हार्मोनल असंतुलन, मेनोपॉज और भ्रम की बीमारी होने पर भी मूड स्विंग होता है।
मूड स्विंग के बचाव
-डॉक्टर मूड स्विंग की समस्या को दूर करने के लिए नियमित अंतराल पर चेहरा धोने की सलाह देते हैं। इसके लिए कोल्ड वाटर यानी ठंडे पानी का यूज करें। इससे मूड स्विंग में राहत मिलता है।
-डॉक्टर मूड स्विंग को दूर करने के लिए रोजाना एक सेब खाने के लिए कहते हैं। अगर आप मूड स्विंग से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो रोजना एक सेब जरूर खाएं।
-रोजाना पर्याप्त नींद लें। इसके लिए रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लें। इससे आप मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं। इसके अलावा, रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। इससे शरीर हाइड्रेट रहता है।