अगर आप भी महादेव के मंदिर के दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं तो जा सकते हैं इन शिव मंदिरों में..

हिंदु धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है। इस पूरे माह भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि महादेव की पूजा-पाठ करने से भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है और धर में सुख-शांति रहती है।

सावन का पवित्र महिना बस कुछ ही दिनों बाद शुरू होने वाला है। इस पूरे माह श्रद्धालु भोलेनाथ की अराधना करते हैं। माना जाता है कि अगर भक्त सच्चे दिल से महादेव की पूजा करते हैं, तो उनकी सारी मनोकामना पूरी होती है।भक्तों को इस महिने का बेसब्री से इंतजार रहता है।

कहा जाता है कि सावन महीन में हर रोज महादेव की भक्ति करने पर घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास रहता है। इस महीने में हर शिव मंदिर में काफी तादाद में भक्तों की भीड़ उमड़ती हैं। इस खास मौके पर शिव के दर्शन और पूजन कर भक्त खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं। ऐसे में आपको देश के कुछ प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां आप भोलेनाथ का दर्शन कर सकते हैं।

कैलाश मंदिर, महाराष्ट्र

एलोरा में स्थित यह भारत के सबसे बेहतरीन शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। इसे एलोरा के कैलाश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में करीब 40 हजार टन वजनी पत्थरों को काटा गया था। यह एलोरा में मौजूद 34 मंदिरों का एक हिस्सा है। यह मंदिर 8वीं शताब्दी में बनाया गया था। सावन में इस मंदिर का दीदार जरूर करें।

मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक

उत्तरी कर्नाटक में स्थित मुरुदेश्वर मंदिर भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है। यह स्थान भगवान शिव की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण इसके आसपास का सुंदर परिदृश्य है। मूर्ति के पास एक 20 मंजिला मंदिर बनाया गया है जो भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के पास एक लिफ्ट भी बनाई गई है, जिससे पर्यटक विशाल प्रतिमा के शानदार दृश्य का आनंद ले सकते हैं।

लिंगराज मंदिर, ओडिशा

आप सावन में लिंगराज मंदिर का भी दर्शन करने का प्लान कर सकते हैं। यह देश के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है। यह भुवनेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर है। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सोमवंसी राजवंश द्वारा किया गया है। इस मंदिर का दर्शन करने के लिए अच्छा समय सावन माना जाता है।

सोमनाथ मंदिर, काठियावाड़

गुजरात में स्थित सोमनाथ मंदिर भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। त्रिवेणी संगम पर स्थित यह मंदिर गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित है। सावन में भक्तों की यहां बड़ी संख्या में भीड़ होती है।

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