बिहार के नालंदा जिले में राजगीर स्थित है। प्राचीन समय में यह मगध की राजधानी थी। जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी ने राजगीर के पावापुरी में मोक्ष की प्राप्ति की थी।
इसके लिए पावापुरी में मोक्ष स्थल पर जल मंदिर बनाया गया है। इतिहास के पन्नों में बिहार के राजगीर का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा है। जैन धर्म के अनुयायियों के लिए राजगीर प्रमुख धार्मिक स्थल है। इसके अलावा, राजगीर पर्यटन के लिए भी जाना जाता है। बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक राजगीर घूमने आते हैं। अगर आप भी आने वाले दिनों में राजगीर घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो राजगीर और उसके आसपास इन जगहों पर घूमने के लिए जा सकते हैं। आइए जानते हैं-
राजगीर
बिहार के नालंदा जिले में राजगीर स्थित है। प्राचीन समय में यह मगध की राजधानी थी। जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी ने राजगीर के पावापुरी में मोक्ष की प्राप्ति की थी। इसके लिए पावापुरी में मोक्ष स्थल पर जल मंदिर बनाया गया है। यह मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। आप जल मंदिर देखने पावापुरी जा सकते हैं।
सप्तपर्णी गुफा
राजगीर में घूमने के लिए कई प्रमुख स्थल हैं। इनमें एक सप्तपर्णी गुफा है। यह गुफा राजगीर की पहाड़ी में स्थित है। राजगीर की पहाड़ी पर एक गर्म पानी का कुंड है। इस कुंड के बारे में मान्यता है कि जो भी व्यक्ति गर्म पानी के कुंड में नहाता है। वह आरोग्य हो जाता है। खासकर, स्किन यानी त्वचा संबंधी परेशानियों से निजात मिलता है। पहली बौद्ध संगीति का आयोजन सप्तपर्णी गुफा में हुआ था।
लक्ष्मीनारायण मंदिर
अगर आप देव दर्शन करना चाहते हैं, तो राजगीर स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर जरूर जाएं। इस मंदिर के प्रांगण में गर्म पानी का कुंड है। यह कुंड वर्तमान समय में भी उपस्थित है। श्रद्धालु आस्था की डुबकी कुंड में लगाते हैं। लोगों की लक्ष्मीनारायण मंदिर में बड़ी आस्था है।
स्वर्ण भंडार
ऐसा कहा जाता है कि महाभारत काल में यह सोने का खजाना था। इसका स्वामित्व जरासंध के पास था। यह भी माना जाता है कि गुफा के अंदर बड़ी संख्या में सोना है। वहीं, गुफा के द्वार प्रवेश का रहस्य गुप्त भाषा में लिखा गया है। वहीं, कई इतिहासकारों की मानें तो शंख लिपि में द्वार खोलने का रहस्य लिखा है। तत्कालीन समय में शंख लिपि चला करती थी। आप स्वर्ण भंडार गुफा देखने जा सकते हैं।
गृद्धकूट पर्वत
पर्यटकों के लिए यह पर्वत आकर्षण का केंद्र है। बड़ी संख्या में पर्यटक गृद्धकूट पर्वत देखने जाते हैं। इस पर्वत पर “शान्ति स्तूप” है। इस “शान्ति स्तूप” का निर्माण बुद्ध संघ कराया है। आप गृद्धकूट पर्वत घूमने जा सकते हैं।