अगर आप खाते हैं चिकन और मीट तो जाये सावधान, हो सकती है…

बहुत से लोग होते हैं जो चिकन और मीट के बिना नहीं रह पाते. लेकिन क्या आप जानते हैं नॉनवेज खाकर आप बीमारियों को भी दावत दे सकते हैं. जी हां, एक हालिया रिसर्च कुछ यही कहती है.

क्या कहती है रिसर्च-

रिसर्च के मुताबिक, जहां सब्जियां, ऑलिव ऑयल और प्रोटीन से भरपूर शाकाहारी चीजें खाने से फायदा होता है वहीं एनीमल प्रोडक्ट, एनीमल मीट के सेवन से आपको टाइप टू डायबिटीज के होने का रिस्क बढ़ जाता है.

टाइप-2 डायबिटीज का रिस्क–

रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग बहुत ज्यादा सैचुरेटिड फैटी एसिड और एनीमल फैट का सेवन करते हैं. ऐसे लोगों में सैचुरेटिड फैटी एसिड और एनीमल फैट का कम सेवन करने वालों के मुकाबले टाइप टू डायबिटीज होने का रिस्क दोगुना होता है.

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स्पेन की यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शोध के दौरान जाना कि आखिर टाइप-2 डायबिटीज का रिस्क कितने फैट के सेवन पर होता है.

कैसे की गई रिसर्च-

इस रिसर्च में 3,349 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्हें डायबिटीज नहीं थी लेकिन इन्हें हाई कार्डियोवस्कुलर रिस्क था. रिसर्च में ये भी देखा गया कि सैचुरेटिड फैटी एसिड से भरपूर फूड और टाइप-2 डायबिटीज के बीच क्या लिंक है. लगभग साढ़े चार साल बाद जब फॉलो-अप लिया गया था तो तकरीबन 266 लोगों को डायबिटीज हो गई थी.

रिसर्च के नतीजे-

रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि रोजाना 12 ग्राम बटर खाने से साढ़े चार साल बाद डायबिटीज होने का रिस्क दोगुना हाई हो जाता है. जबकि रोजाना होल फैट योगर्ट खाने से डायबिटीज का रिस्क कम रहता है. ऐसे में साबित होता है कि मेडिटेरेनियन डायट लेने के कई फायदे हैं. ये क्रोनिक डिजीज, स्पेशली टाइप-2 डायबिटीज से बचाती है. साथ ही ये सैचुरेटिड और एनीमल फैट का बेहतर सब्सिट्यूट भी हैं. ऐसे में एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि सैचुरेटिड एनीमल फैट के बजाय ऑलिव ऑयल और नट्स का सेवन करना चाहिए.

ये स्टडी द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में पब्लिश हुई है.

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