अगर आप करते हैं कंडोम का इस्तेमाल तो ये बात को ध्यान से सुने नहीं तो हो जायेगा अनर्थ…

अपनी संस्कृति और परम्परा के लिए भारत विश्वभर में मशहूर भारत में सेक्स के लिए कंडोम के इस्तेमाल को लेकर कई भ्रांतियां हैं। इन गलतफहमियों के चलते लोग संभोग के समय कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते या तो गलत तरीके से करते हैं। हम आपको बताएंगे कि कैसे कंडोम का सही इस्तेमाल करें और जीवन भर अनगिनत बिमारियों से सुरक्षित रहें। जानिए कंडोम से जुड़े मिथक .. 

कंडोम खरीदने के लिए 18 साल का होना जरूरी

आप किसी भी युवा या वृद्धावस्था में कंडोम खरीद सकते हैं। आप किसी कम्युनिटी कॉन्ट्रसेप्टिव क्लिनिक, सेक्शुअल ऐंड जेनिटोयोरिनरी मेडिसिन (GUM) क्लिनिक या सेक्स संबंधी जागरूकता के लिए काम कर रही किसी संस्था से भी मुफ्त में कंडोम ले सकते हैं।

ओरल और ऐनल सेक्स में कंडोम की कोई जरूरत नहीं

कंडोम के इस्तेमाल का उद्देश्य न सिर्फ प्रेग्नेंसी को रोकना है, बल्कि सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (STIs) यानी यौन संक्रमणों से भी सुरक्षित रहना है। अगर आप खुद अपने या अपने पार्टनर के संक्रमित होने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं तो कंडोम का जरूर इस्तेमाल करें।

कंडोम कभी खराब (Expire) नहीं होते

यह गलत है। कंडोम एक्सपायर होते हैं। कंडोम खरीदते वक्त पैकेट को ध्यान से पढ़ें। उसमें उसकी एक्सपायरी डेट दी होती है। कुछ लोग कह सकते हैं कि बिना कंडोम के सेक्स करने से बेहतर है पुराना कंडोम इस्तेमाल करें। ऐसी सलाह से सावधान रहें, क्योंकि इससे शरीर पर चिकत्ते हो सकते है। एक प्रकार की चिड़चिड़ाहट भी हो सकती है। लचीलापन जाने की वजह से कंडोम आसानी फट सकता है। नया पैकेट खरीदने और कंडोम को सही ढंग से लगाने से पहले बेड पर जाने की जल्दबाजी न दिखाएं।

कंडोम असुविधाजनक होते हैं और कम आनंद देते हैं

कई अध्ययनों में बताया गया है कि यह सच नहीं है। लोगों को इसका इस्तेमाल करते हुए भी उतना ही आनंद का एहसास हुआ है जितना की इसके बिना। हालांकि कुछ कंडोम इस तरह डिजाइन किए जाते हैं जिससे ऑर्गेजम तक पहुंचने में देरी हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इससे सेंसिटिविटी भी कम हो जाती है। अगर कुछ असुविधाजनक है तो वह हैं गर्भपात या STI का उपचार।

महिला ने गर्भनिरोधक गोली (पिल) ली है तो कंडोम की जरूरत नहीं

इस पर डॉक्टर राजिन्दर का कहना है, ‘गोली लेने से STI से सुरक्षा नहीं मिलती और प्रेग्नेंसी रोकने को लेकर भी गोलियों के काम नहीं करने के प्रमाण हैं।’ यानी इस मिथक से भी आपको बचना चाहिए।

दो कंडोम लगाना ज्यादा सुरक्षित है

केवल एक कंडोम का इस्तेमाल ही अनचाहे गर्भ और यौन संक्रमणों से बचने के लिए काफी है। दरअसल दो कंडोम लगाने से घर्षण की संभावना बढ़ेगी। कंडोम फट भी सकते हैं।

आप ‘शरीफ’ व्यक्ति के साथ हैं, कंडोम की जरूरत नहीं

ऐसा नहीं है कि यौन संक्रमण केवल उन लोगों को होता है जो कई लोगों से संबंध बनाते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि यौन संक्रमण किसी भी व्यक्ति को हो सकते हैं, कभी-कभी बिना लक्षण बताए भी।

चिकनाहट के लिए कोई भी तैलीय पदार्थ यूज कर सकते हैं

अधिकतर कंडोम इस्तेमाल के लिए पर्याप्त रूप से चिकने होते ही हैं। अगर आपको और चिकनाहट की जरूरत हो तो पानी या सिलिकन से बनी किसी वस्तु का इस्तेमाल करें। तेल से बनी किसी वस्तु का इस्तेमाल न करें। तेल रबर को नष्ट कर देता है जिससे कंडोम फट सकता है।

सेक्स के बीच या स्खलन से ठीक पहले लगा सकते हैं

ऐसा करना न सिर्फ असुविधानजनक होगा बल्कि इससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाएगा।

एक बार ही कंडोम पहनें, चाहे दो राउंड में सेक्स करें

यह गलत है। हर स्खलन में स्पर्म का स्राव होता है।

कहीं भी स्टोर करें

कंडोम को बहुत ज्यादा या बहुत कम तापमान वाली जगह पर स्टोर करके नहीं रखना चाहिए। ऐसी जगह (उदाहरण के लिए आपकी जेब) जहां घर्षण होता हो, कंडोम को नुकसान हो सकता है। इससे स्पर्म के कंडोम से बाहर निकलने का खतरा बढ़ जाता है।

लेटेक्स (क्षीर) से ऐलर्जी होने पर यूज नहीं कर सकते

ऐसा नहीं है। लेटेक्स से ऐलर्जी होना आपको सेक्स नहीं करने या असुरक्षित सेक्स करने पर मजबूर नहीं करता। इस समस्या से बचने के लिए मार्केट में लेटेक्स कंडोम उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। इनमें लैंब्स्किन से बने कंडोम प्रेग्नेंसी तो रोकते हैं, लेकिन संक्रमण से बचाव नहीं करते।

केवल हेटरोसेक्शुअल ही इस्तेमाल करते हैं

यह हमेशा याद रखें, कि कंडोम प्रेग्नेंसी ही नहीं रोकते बल्कि संक्रमणों से भी बचाव करते हैं। इसलिए होमोसेक्शुअल कपल को भी इनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।

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