समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुष्पेंद्र मुठभेड़ मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर कई सवाल उठाए हैं। अपने झांसी दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में अब राम राज नहीं बल्कि नाथूराम राज है। अखिलेश ने कहा कि पुलिस ने पुष्पेंद्र यादव का फर्जी एनकाउंटर किया है।
अखिलेश ने पुष्पेंद्र मुठभेड़ की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज कराने की मांग को दोहराते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अब मॉब लिंचिंग के साथ पुलिस लिंचिंग भी होने लगी है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पुष्पेंद्र की हत्या की गई उससे तो यही लगने लगा है कि अब भाजपा शासन में उत्तर प्रदेश में राम राज नहीं नाथूराम राज है।
अखिलेश यादव ने पुष्पेंद्र मुठभेड़ को फर्जी बताया और कहा कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है। जिला प्रशासन ने पुष्पेंद्र के भाई को भी इस मामले में आरोपित बनाया है जो सीआइएसएफ में जवान है और घटना के वक्त दिल्ली में ड्यूटी पर तैनात थे। उन्होंने पूछा कि क्या राष्ट्रवादी सरकार जो हर दिन पाकिस्तान को गाली देती है, वह उस जवान को न्याय दिलाएगी। पुष्पेंद्र की हाल ही में शादी हुई थी, क्या उसकी पत्नी को न्याय दिलाएगी…यह सबसे बड़ा सवाल है।
अखिलेश ने सरकार से पूछे सात सवाल…
- एनकाउंटर का समय क्या था?
- पुलिस की मानें तो रात में एनकाउंटर हो गया, लेकिन दिनभर लाश क्यों घुमाते रहे?
- शाम को क्यों पोस्टमार्टम कराया गया?
- परिवार और पुलिस के बयान में अंतर क्यों?
- गाड़ी में सीट के पीछे खून था?
- एंबुलेंस कैसे पीछे-पीछे चल रही थी?
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक क्यों नहीं आई?
घर जाकर परिवारीजन से मिले पूर्व सीएम
इससे पहले बुधवार शाम को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पुष्पेंद्र यादव के घर पहुंचे थे। उन्होंने पुष्पेंद्र के गांव करगुवां खुर्द में परिवारीजन को ढाढ़स बंधाने के साथ ही पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए और पूरे प्रकरण की जांच हाइ कोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि यह मुठभेड़ नहीं, पुलिस द्वारा की गई हत्या है।
परिवारीजन भी पुलिस की कहानी से सन्तुष्ट नहीं हैं। अभी तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी नहीं मिली। उन्होंने मांग की कि जिसने भी ऐसा किया है, उसके विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। अखिलेश ने आरोप लगाया था कि एक एसएचओ को बचाने के लिए अधिकारी व सरकार एक हो गए हैं, यह एक साजिश है। पार्टी पुष्पेन्द्र के परिवार के साथ खड़ी है।
पुलिस मुठभेड़ में हुई पुष्पेंद्र की मौत
पुलिस के अनुसार बालू से लदा ट्रक सीज होने से गुस्साए पुष्पेंद्र यादव ने 5 अक्टूबर (शनिवार) की रात मोंठ थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह चौहान को गोली मारी थी। उन्हें जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद पुलिस ने उसी रात पुष्पेंद्र यादव को घेर लिया।
पुलिस मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से पुष्पेंद्र यादव मौत हो गई थी। घटना के बाद पुष्पेंद्र के परिवारीजन और गांव के लोगों काफी विरोध किया, जिस पर झांसी के जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये हैं।