ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए आखिरी टेस्ट मैच में भारतीय टीम की हार के बाद हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा है कि टीम को अकेले जसप्रीत बुमराह के भरोसे नहीं रहना होगा। बुमराह ने इस सीरीज में दमदार खेल दिखाया और 32 विकेट अपने नाम किए। वह प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए। बुमराह इस सीरीज में भारत के लिए अकेले लड़े। दूसरे छोर से उन्हें ज्यादा साथ नहीं मिला। आखिरी मैच में बुमराह को पीठ में जकड़न हो गई थी और इसी कारण वह दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर सके।
बुमराह ने इस सीरीज में दमदार खेल दिखाया और उन्होंने टीम के लिए वो सब किया जो वह कर सकते थे। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए गौतम गंभीर से पूछा गया कि क्या दूसरी पारी में अगर जसप्रीत बुमराह होते तो इससे फर्क पड़ता और टीम इंडिया जीत सकती थी? इस पर गंभीर ने कहा ऐसा नहीं है कि टीम बुमराह की अनुपस्थिति के कारण हारी।
‘एक के भरोसे नहीं टीम’
गंभीर ने कहा कि टीम को किसी एक खिलाड़ी के भरोसे नहीं रहना चाहिए। गंभीर ने कहा, “पहली बात तो, मैं ये नहीं कहना चाहता कि जसप्रीत बुमराह नहीं थे तो हम जीत नहीं सके। हमारे पास मौके थे, अगर वह होते तो अच्छा होता। लेकिन हमारे पास फिर भी पांच तेज गेंदबाज थे और एक अच्छी टीम को किसी एक खिलाड़ी के भरोसे नहीं रहना चाहिए। हमें रिजल्ट नहीं मिले, इससे ज्यादा कुछ नहीं।”
बुमराह इस सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उनके बाद चौथे नंबर पर कोई भारतीय गेंदबाज हैं और वो हैं मोहम्मद सिराज जिनके नाम 20 विकेट हैं। दूसरे नंबर पर 25 विकेटों के साथ हैं पैट कमिंस और तीसरे नंबर पर 21 विकेट के साथ हैं स्कॉट बोलैंड।
युवा खिलाड़ियों ने की कोशिश
गंभीर ने माना कि बुमराह को दूसरे छोर से समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि युवा गेंदबाजों ने बुमराह का साथ दिया। गंभीर ने कहा, “एक दम शानदार। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। वह जब भी गेंदबाजी करने आते थे तो शानदार काम करते हैं। वह जो कर सकते थे वो उन्होंने सब किया। उनको दूसरे छोर से भी समर्थन मिला। मोहम्मद सिराज और युवा गेंदबाजों ने उनका साथ दिया।”
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