रेलवे स्टेशन की व्यवस्थाएं पर नजर रखने की जिम्मेदारी निगरानी समिति की होगी। इसकी कमान स्टेशन अधीक्षक के हाथ में होगी, जो स्टेशन पर खामी को देखते ही संबंधित विभागीय अधिकारी को निर्देश देगा।
यह व्यवस्था मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) मंदीप सिंह भाटिया के निर्देश पर बनाई है, जिससे कि यात्रियों को इधर-उधर भटकना न पड़े। इसका मुख्य कारण यह भी है कि अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के निदेशक का पद पिछले लगभग दो-तीन माह से खाली है। ऐसे में स्टेशन की खामियों पर लगातार मंडल रेल प्रबंधक के पास शिकायतें भी पहुंच रही थी कि कहीं कचरा पड़ा है, कहीं लोहे की रेलिंग टूटी है, रेलवे परिसर में बना ग्रीन कॉरिडोर तहस-नहस हो गया है और स्टेशन के मुख्य गेट पर लगा काउकैचर गंदगी से अटे हैं।
पहली बैठक में दिए निर्देश
मंडल रेल प्रबंधक के निर्देश पर स्टेशन अधीक्षक राम ने कार्रवाई शुरु कर दी है। उन्हाेंने स्टेशन पर लंबित कार्याें और खामियों के लिए एक सूची तैयार की है जो रेलवे परिसर और सभी प्लेटफार्म पर चक्कर काटने के बाद तैयार की गई है। इस संबंध में पहली बैठक स्टेशन अधीक्षक के कार्यालय में दो दिन पहले संपन्न हुई है। इसमें स्टेशन पर तैनात लगभग 10 विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। सभी को उनके विभाग से संबंधित समस्या की जानकारी दी गई है ताकि आगामी कुछ दिनों में वो इन समस्याओं को दुरुस्त करवा दें। अन्यथा इसकी जानकारी मंडल रेल प्रबंधक के साथ साझा की जाएगी और फिर काम में कोताही या फिर इसे लंबित करने को लेकर विभागीय अधिकारी को डीआरएम के समक्ष ही जवाब देना होगा।
वर्जन
अंबाला कैंट स्टेशन पर अब निदेशक नहीं है। इसलिए स्टेशन के रखरखाव और यात्री सुविधाओं को लेकर जिम्मेदारी स्टेशन अधीक्षक को सौंपी गई है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वो स्टेशन पर जो भी खामियां हैं, उन्हें विभागीय अधिकारियों से मंत्रणा करने के बाद दुरुस्त करवाएं ताकि स्टेशन पर आने वाले लोगों और यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
मंदीप सिंह भाटिया, डीआरएम, अंबाला।