सावन माह में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार में हरियाली तीज भी सम्मिलित है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए मुश्किल व्रत रखती हैं। वहीं कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा जीवनसाथी पाने की कामना के साथ यह उपवास रखती हैं। इस दिन महिलाएं-लड़कियां सज-धज कर शिव-पार्वती की उपासना करती हैं। इस व्रत की विशेष बात यह है कि यह बेहद मुश्किल होता है तथा एक बार यह व्रत करना आरम्भ कर दिया तो इसे प्रत्येक वर्ष करना पड़ता है। इस व्रत को छोड़ा नहीं जाता है। 
वही कई बार ऐसे हालात बन जाते हैं कि स्वास्थ्य समस्या, प्रेगनेंसी, यात्रा या पूजा-पाठ न कर पाने की वजह से महिला व्रत नहीं रख पाती है। ऐसे में व्रत छूटने की दिक्कत से बचने के लिए पुराणों में एक उपाय बताया गया है। इसके अनुसार, ऐसे विषम हालातों में घर में कोई और महिला उसके बदले यह व्रत रख सकती है। अगर ऐसा भी संभव नहीं है तो पति भी अपनी पत्नी के बदले यह व्रत कर सकते हैं। इससे व्रत का फल बना रहता है तथा व्रत भी नहीं छूटता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि:-
11 अगस्त को पड़ रही हरियाली तीज की आराधना के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 03:31 मिनट से रात 10:21 मिनट तक रहेगा। इस के चलते देवी पार्वती और महादेव की पूजा करने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है।
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