हनुमान चालीसा की प्रत्येक चौपाई को मंत्र के रूप में माना गया है. हनुमान चालीसा का पाठ नित्य भी किया जा सकता है लेकिन मान्यता है कि मंगलवार के दिन विधि पूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं.
हनुमान चालीसा की रचना कवि तुलसीदास ने की थी. चालीस छंद होने के कारण इस चालीसा कहा जाता है. हर छंद का अपना विशेष महत्व है. हनुमान चालीसा का पाठ करने से ग्रहों की अशुभता को भी कम किया जा सकता है.
हनुमान चालीसा व्यक्ति को उसके अंदर छिपे गुणों के बारे में जानने के लिए प्रेरित करती है. इसका पाठ करने से बल बुद्धि का विकास होता है.
व्यक्ति में शक्ति का संचार होता है. किसी भी नए कार्य करने से पूर्व अगर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो उस कार्य के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है. हनुमान जी अपने भक्तों पर कष्ट नहीं आने देते हैं और अपना आर्शीवाद बनाए रखते हैं.
हनुमान चालीसा की सबसे खास बात ये है कि इसे पढ़ने से जीवन में नकारात्मकता नहीं आती है और सकारात्मक ऊर्जा का अहसास होता है. व्यक्ति का मस्तिष्क मानव कल्याण तरफ अग्रसर होता है.
जन्म कुंडली में जब शनि और मंगल ग्रह अशुभ फल प्रदान करने लगें तो हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. इससे इन ग्रहों की अशुभता दूर होती है और ये शुभ फल प्रदान करने लगते हैं. हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि प्रसन्न होते हैं.
हनुमान चालीसा का पाठ करने का सबसे उत्तम समय सुबह और शाम है. हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले स्वच्छता और विशेष नियमों का ध्यान रखना बहुत ही जरुरी है.