सोमवती अमावस्या पर कौन सी पूजा विधि है सबसे प्रभावशाली?

अमावस्या ( Somvati Amavashya 2024) का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन शुभ कार्य करने की मनाही होती है। हालांकि यह अवधि धार्मिक कार्यों के लिए अच्छी मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि यह दिन पवित्र नदियों में स्नान और पितरों के तर्पण के लिए विशेष माना जाता है तो आइए इस दिन किस विधि से पूजा करनी चाहिए उसके बारे में जानते हैं।

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का अपना एक खास महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या प्रत्येक महीने आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत, पूजा-पाठ, स्नान और दान का विधान है। इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी बहुत उत्तम मानी जाती है। इस बार भाद्रपद माह की अमावस्या 2 सितंबर 2024, दिन सोमवार (Somvati Amavashya 2024) को मनाई जाएगी, तो आइए इस दिन भगवान विष्णु की आसान पूजा विधि जानते हैं।

अमावस्या पर भगवान विष्णु की ऐसे करें पूजा
अमावस्या के दिन सुबह स्नान कर पीला वस्त्र धारण करें। श्री हरि के समक्ष व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मंदिर को अच्छी तरह से साफ करें। फिर पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। एक वेदी पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान का पंचामृत से अभिषेक करें। उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें। हल्दी व गोपी चंदन का तिलक लगाएं। पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं।

पूजा में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें। आरती से पूजा को समाप्त करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे। पूजा के बाद कुछ दान-पुण्य अवश्य करें।

पूजा मंत्र
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त (Somvati Amavasya Ka Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या तिथि सोमवार 02 सितंबर, 2024 को प्रात: 05 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 03 सितंबर को प्रात: 07 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में 02 सितंबर को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।

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